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    सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी

    सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति दे दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2011-12 के इनकम टैक्स के एक मामले को दोबारा खोले जाने में राहत देने से इंकार के बाद सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

    जस्टिस ए के सीकरी और एस अब्दुल नाज़ीर की एक पीठ राहुल, सोनिया और अनुभवी कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस द्वारा दायर अपील सुनने के लिए तैयार है, जिन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के 10 सितंबर के फैसले को चुनौती दी है।

    आयकर विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय में पहले से ही एक अपील दायर की है कि अगर उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर की जाती है तो उसे सुनना चाहिए।

    भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गाँधी परिवार के खिलाफ इनकम टैक्स जांच की एक याचिका दायर की थी जिसमे सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी जमानत पर हैं। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 19 दिसंबर 2015 को जमानत दी थी।

    ट्रायल कोर्ट के समक्ष शिकायत में, सोनिया, राहुल और अन्य पर आरोप लगाया गया है कि एक गैर लाभकारी संगठन यंग इंडिया को कांग्रेस के स्वामित्व वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से 90.25 करोड़ रुपये वसूलने थे लेकिन गाँधी परिवार उन्हें केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके धोखाधड़ी और अनुचित धन की प्राप्त करने की साजिश कर रहा है।

    यह आरोप लगाया गया था कि यंग इंडिया, जिसे नवंबर 2010 में 50 लाख रुपये की पूंजी के साथ शामिल किया गया था, ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के लगभग सभी शेयरधारकों को अधिग्रहण किया था, जो राष्ट्रीय हेराल्ड अख़बार चला रहा था। इस प्रक्रिया में यंग इण्डिया ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 90 करोड़ की संपत्ति का भी हकदार बन गया था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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