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    zeroth law of thermodynamics in hindi

    विषय-सूचि

    ऊष्मागतिकी का 0वा नियम (zeroth law of thermodynamics in hindi)

    यदि कोई दो सिस्टम किसी और सिस्टम के साथ थर्मल एक्विलिब्रियम (संतुलन) में है तो वे दोनों सिस्टम भी एक दूसरे के साथ भी थर्मल एक्विलिब्रियम में हैं।

    यानी यदि दो सिस्टम्स को एक ऐसी कड़ी से जोड़ा जाए जो केवल ऊष्मा को ही प्रवेश करने दे, और फिर भी दोनों सिस्टम्स में कोई बदलाव न हों, तो वे थर्मल एक्विलिब्रियम में कहलाएँगे।

    फ्रिज के अंदर रखा खाना फ्रिज की हवा के साथ थर्मल एक्विलिब्रियम में होता है, क्योंकि खाने की, और हवा की ऊष्मा में कोई परिवर्तन नहीं आता।

    गणितीय भाषा में, यदि सिस्टम A सिस्टम C से थर्मल एक्विलिब्रियम में है और सिस्टम B सिस्टम C से थर्मल एक्विलिब्रियम में है, तो A और B भी थर्मल एक्विलिब्रियम में है, जो है – यदि A = C और B = C, तब A = B।

    मैक्सवेल में सरल शब्दों में कहा कि “हर तरह की ऊष्मा एक जैसी है”। यहां, तीनो सिस्टम्स का तापमान एक समान होता है। जिससे कि अगर ये तीनो एक दूसरे को छू भी ले, तो भी कोई ऊष्मा नहीं बहेगी।

    0वे नियम का नामकरण (naming of zeroth law of thermodynamics in hindi)

    ऊष्मप्रवैगिकी (थर्मोडाइनैमिक्स) के तीनों कानून पहले ही दिए जा चुके थे। परंतु वैज्ञानिकों को अब भी इन मे कुछ अधूरा लग रहा था। फिर आई यह थर्मल एक्विलिब्रियम की संकल्पना।

    इस कानून से तापमान से संदर्भ में जानकारी मिलती है। यह तापमान की लरिभाषा बताता है। कानून में तापमान का कोई उल्लेख नहीं, पर यह बात स्वयं ही स्पष्ट है। किसी भी वस्तु के तापमान को मापा जा सकता है। तापमान वस्तुओं की मौलिक विशेषता है।

    क्योंकि यह लॉ बाकी कानूनों पर अधिक्रमण कर रहा था, और एक बुनियादी विषय को समझा रहा था, इसे चौथा कानून नही कह सकते थे। और इसे पहला(1st) कानून कहने के किए यदि बाकियों की संख्या बदली जाती ( जो पहले ही प्रख्यात हो चुके थे ) तो इससे कई समस्याएँ और उलझने हो जाती।

    अंततः, “राल्फ फाउलर” द्वारा ये सुझाया गया कि इसे ज़िरोथ (0th) कानून कहा जाएगा।

    तापमान को परिभाषित करना क्यों आवश्यक है? (definition of temperature in hindi)

    यदि किन्हीं दो वस्तुओं को, जिनकी ऊर्जा हम जानते हैं, एक दूसरे से चिपका के रख दिया जाए, तो उनकी ऊर्जा जानने के पश्चात भी हम ये नहीं बता सकते कि ऊष्मा (हीट) किस ओर बहेगी।

    लेकिन यही हमें तापमान बता दिया जाए, तो हम ये कह सकते हैं कि ऊष्मा ज़्यादा तापमान से कम वाले कि ओर जाएगी।

    यहाँ ये याद रखना ज़रूरी है कि ऊष्मा बिना छुए, रेडिएशन द्वारा भी जा सकती है।

    थर्मामीटर (thermometer in hindi)

    छोटी से छोटी जीवित वस्तु भी तापमान परिवतर्न पर प्रतिक्रिया देती है। हम सामान्य भाषा में किसी के भी तापमान को “इससे गर्म” या “इससे ठंडा” कह कर संबोधित करते हैं। हम पानी के उबलने तथा जमने के तापमान से भी तुलना कर देते हैं।

    पर यदि सटीक उत्तर चाहिए हों, जिसे बार बार प्रयोग कर सकें, तो एक तय मानक आवश्यक है – जिस कारण आविष्कार हुआ थर्मामीटर का।

    इस विषय को अच्छे से समझने के लिए आप नीचे दिया गया विडियो देख सकते हैं।

    इस विषय या ऊष्मप्रवैगिकी से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    3 thoughts on “ऊष्मागतिकी (थर्मोडाइनैमिक्स) का 0वा कानून”
    1. Hi i study in class 12 and i wanted to clear some doubts regarding thermodynamics which after reading this post got automatocally cleared!
      Thank you so much
      Keep writing like this !!

    2. kyaa thermodynamics ko apply karke hi thermometer bantaa hai? thermodynamics ki or kon kon si applications hoti hain??

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