RBI के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल के हाल ही में अचानक इस्तीफा देने की बात को विशेषज्ञ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बुरी खबर मान रहे हैं। इसके साथ ही चुनाव के भी चोंका देने वाले परिणाम आये हैं। इन चुनावों में सरकार बदलने की वजह से भी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता होगी जिससे इसके कमज़ोर होने के आसार हैं।
हाल ही में पांच राज्यों में चुनाव हुए जोकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना एवं मिजोरम हैं एवं इनमे से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में कांग्रेस, मिजोरम में एम एन एफ़ एवं तेलंगाना में टी आर एस की विजय हुई। BJP की हार अर्थव्यवस्था पर एक बुरा प्रभाव डालेगी।
उर्जित पटेल का इस्तीफा विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में भरोसे को भी प्रभावित करेगा। इसके साथ साथ चुनावी परिमाण भी निवेशकों के आत्मविश्वास को दुर्बल करने वाला एक घटक होगा।
IDBI में अन्वेषण के अध्यक्ष ए.के. प्रभाकर ने मनीकंट्रोल को बताया “आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ना बाजार के लिए नकारात्मक संकेत है। चुनाव के नतीजे भी सरकार के अनुकूल नहीं हैं एवं इससे मामला और भी पेचीदा हो गया है। हमें जल्द ही निफ्टी के 9900 के स्टार को छूने की आशा है। “
उन्होंने यह भी कहा की इस नुक्सान का आवरण करने के लिए जल्द ही योग्य गवर्नर नियुक्त करना होगा ताकि निवेशकों का भारतीय बाज़ार में विश्वास कायम रहे।
आनंद राठी शेयर्स के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सेडानी ने भी इस पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा की इस्तीफे के बाद चुनाव के परिमाण भी प्रतिकूल रहे तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका साबित होगा। वे मानते हैं कि चुनाव के प्रतिकूल नतीजे से ही निफ्टी 10000 के नीचे जा सकता हैं।
चुनाव के नतीजे आने पर निफ्टी को ज्यादा बड़ा झटका नहीं लगा एवं वह 10000 के आंकड़ों में ही रहा है।
उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद रूपये की कीमत में अचानक भारी गिरावट देखी गयी। इससे शेयर बाज़ार में भी गिरावट दर्ज कि गयी जहां सेंसेक्स 500 एवं निफ्टी 150 अंक तक गिर गया। मंगलवार को उर्जित पटेल के आकस्मिक इस्तीफे एवं विधानसभा चुनाव के चलते रुपया डॉलर के मुकाबले 110 पैसे गिर गया।
इस तरह मंगलवार का दिन अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल रहा है। अब आगे भारतीय सरकार को ऐसे फैसले लेने होंगे जिससे नुक्सान कि भरपाई हो सके एवं विदेशी निवेसकों का भारतीय बाज़ार में भरोसा कायम रहे।