Thu. Dec 26th, 2024

    “मुझे बचाओ, मैं मरना नहीं चाहती, मैं उन्हें फांसी पर लटकते देखना चाहती हूं”। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की 23 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के ये आखिरी शब्द थे। पीड़िता ने शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ने से पहले अपने परिवार के सदस्यों और डॉक्टरों के सामने ये शब्द कहे। पीड़िता हृदयाघात से बच नहीं सकी और उसे रात 11:40 बजे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “वह दर्द में थी। वह खुद को बचाने की गुहार लगा रही थी।”

    दुष्कर्म के आरोपियों सहित पांच लोगों द्वारा कथित रूप से जलाए जाने के बाद पीड़िता को एयर एंबुलेंस के जरिए लखनऊ से दिल्ली लाकर सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 90 फीसदी जल चुकी थी।

    पीड़िता की मौत के बारे में पता चलने के बाद दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों से अपील करती हूं कि इस मामले में दुष्कर्म करने वालों को एक महीने के अंदर फांसी दी जानी चाहिए।”

    इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उन्नाव पीड़िता के परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दे। यह हम सबकी नाकामयाबी है कि हम उसे न्याय नहीं दे पाए। सामाजिक तौर पर हम सब दोषी हैं, लेकिन ये उत्तर प्रदेश में खोखली हो चुकी कानून-व्यवस्था को भी दिखाता है।”

    पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने दुष्कर्म जैसे अपराधों के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, “उन्नाव की पिछली घटना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तत्काल पीड़िता को सुरक्षा क्यों नहीं दी? जिस अधिकारी ने उसकी एफआईआर दर्ज करने से मना किया, उस पर क्या कार्रवाई हुई? उप्र में रोज रोज महिलाओं पर जो अत्याचार हो रहा है, उसको रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?”

    पीड़िता पर उन्नाव के सिंधुपुर गांव के बाहर उस समय हमला किया गया, जब वह दुष्कर्म के मामले में होने वाली सुनवाई के लिए रायबरेली की एक अदालत जा रही थी। उसका अपहरण पांच लोगों हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश वाजपेयी, शिवम और शुभम त्रिवेदी ने किया था। उसे पीटा गया, चाकू मारा गया और आग लगाकर मरने के लिए छोड़ दिया गया।

    इन सबके बावजूद वह खड़ी हो गई और एक किमी तक चलकर एक व्यक्ति के पास पहुंची, जो एक घर के बाहर काम कर रहा था। पीड़िता ने उससे मदद मांगी और उसने खुद पुलिस को फोन किया।

    इसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे लखनऊ के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहां प्लास्टिक सर्जरी बर्न यूनिट में भर्ती पीड़िता का बयान दर्ज किया गया। अपने बयान में उसने सभी पांचों आरोपियों के नाम लिए।

    दुष्कर्म का आरोपी शुभम जब जमानत पर रिहा हुआ, तो वह वह उसका पीछा करने और उसे धमकी देने लगा। इसके बाद पीड़िता और उसके परिजन स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचे और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि पुलिस ने इनकी शिकायत पर गौर नहीं किया।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *