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    शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 15 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में यहां के प्राथमिक स्कूल के छात्र खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठने व घर जाकर शौचालय का इस्तेमाल करने को मजबूर है, ऐसा स्कूल में बुनियादी सुविधाओं की कमी की वजह से है। स्कूल की एक अध्यापक मेघा अग्रवाल ने कहा, “छात्रों को प्यास लगने या शौचालय की जरूरत पड़ने पर अपने घर जाना पड़ता है, क्योंकि यहां कोई सुविधा नहीं है। जब भी बारिश होती है तो स्कूल बंद हो जाता है।”

    स्कूल में मिड-डे मील पकाने के लिए जगह नहीं है। एक पास के स्कूल में खाना पकाया जाता है और वहां से लाया जाता है।

    हालांकि, बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि इस मामले का जल्द समाधान किया जाएगा।

    राकेश कुमार ने कहा, “कुछ सरकारी स्कूल किराए की संपत्तियों पर चल रहे हैं। इनमें से कई अब जीर्ण-शीर्ण हो चुके है या उनका अस्तित्व नहीं है। जहां तक संभव है हम इस तरह के स्कूलों को एक किलोमीटर के इलाके में दूसरे स्कूलों के साथ विलय कर रहे है। ऐसे जगहों पर जहां विकल्प नहीं है, हम इमारत के निर्माण के लिए जगह और राशि की मांग कर रहे हैं।”

    राज्य सरकार के 2019-20 के बजट में 500 करोड़ रुपये प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए आवंटित किए गए हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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