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    उत्तर प्रदेश के कानपुर में कूड़े के कारण रुकी शादी के मामले में अब नगर निगम जागा है। अब दो नई कंपनियां कूड़े का निस्तारण करने जा रही हैं। जनवरी से एक कंपनी कूड़ा उठाएगी, और दूसरी कंपनी कूड़े से खाद बनाएगी। इस प्रकार पहाड़ जैसे जमे कूड़े का निस्तारण होने जा रहा है।

    आईएएनएस ने तीन नवंबर को इस खबर को जारी किया था, जिसके बाद शासन-प्रशासन की नींद टूटी है। कचरे के पहाड़ के आस-पास रहने वाले गंदगी के कारण खूब शोर मचा रहे थे, क्योंकि इस कारण से उनके यहां शादियां रुकने लगी थीं। भावी पीढ़िया रोग की शिकार हो रही थीं। ऐसे में कूड़ा डंप का मामला शासन तक पहुंचा।

    नगर निगम सूत्रों के अनुसार, अब 20 लाख मिट्रिक टन कूड़े के निस्तारण के लिए शासन द्वारा कंपनी को फाइनल किया जा रहा है। इस पूरे काम में 145 रुपये खर्च होंगे। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो जाएगी।

    कूड़े का विक्रेन्द्रीयकरण करने के लिए अन्य जगहों को नगर-निगम ढूढ़ रहा है। पर्यावरण अभियंता आर.के. पाल ने बताया कि “कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (केडीए) अब नगर निगम को सुरार व सेन पूरब पारा में कूड़े के निस्तारण के लिए अलग से जगह दे रहा है। अब तीन कूड़ा निस्तारण प्लांट होंगे और हर प्लांट से 35-35 वार्ड जोड़े जाएंगे, ताकि रोज कूड़े का निस्तारण हो सके और ज्यादा से ज्यादा गंदगी उठ सके। इसकी कार्ययोजना पर जल्द कार्य किया जाएगा।”

    कानपुर के नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी का कहना है, “कूड़े के निस्तारण की पूरी योजना बन गई है। इसका क्रियान्वयन शुरू हो रहा है। टेंडर निकालने की तैयारी हो रही है। रोज निकलने वाले कूड़े से खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा। तभी गंदगी का प्रभावी ढंग से समाधान होगा।”

    ज्ञात हो कि कानपुर के पनकी, पड़ाव, जमुई, बदुआपुर सरायमिता गांवों में गंदगी का अंबार इतना है कि लोग अपनी बेटियों की शादी इन गांवों में नहीं करना चाहते हैं। इन गांवों में कानपुर नगर निगम का सॉलिड वेस्टेज यहां से सटा हुआ है। कानपुर शहर से रोजाना 1350 मिट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसमें 1100 मिट्रिक टन कूड़ा सड़कों पर बिखरा रहता है। लगभग 20 लाख मिट्रिक टन कूड़ा भाऊ सिंह पनकी प्लांट में एकत्रित हो रहा है। यही कूड़ा आस-पास के क्षेत्रों में जी का जंजाल बना हुआ है।

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