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    कृश, बाहुबली

    उत्तरी कोरिया में चाहे कैसे भी हालत हों, वहां लोग विदेशी फिल्मों का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। खबर के अनुसार उत्तरी कोरिया में लोग भारतीय फिल्में जैसे, ‘बाहुबली’, ‘यह जवानी है दीवानी’ और ‘कृश’ जैसी फिल्मों को खासा पसंद कर रहे हैं।

    उत्तर कोरिया में प्योंगयांग अंतराष्ट्रीय फिल्म उत्सव के दौरान कई भारतीय फिल्मों को दिखाया गया। कोरियाई वेबसाइट के अनुसार 2014 में यहाँ रणबीर कपूर की ‘यह जवानी है दीवानी’ और ऋतिक रोशन की ‘कृश’ को दिखाया गया था। इसके बाद 2015 में रणवीर सिंह की ‘बाजिराओ मस्तानी’ और सनी देओल की ‘सिंह साहब दी ग्रेट’ को दिखाया गया था।

    उत्तर कोरिया के एक फिल्म निर्माता निकोलस बोनर ने बताया, ‘उत्तर कोरिया के लोगों को बाहर की दुनिया और संस्कृति का आभास कराने का ये एक अच्छा जरिया है। लोगों को यह बहुत पसंद आता है।’

    उत्तरी कोरिया में भारतीय फिल्म

    2016 में हालाँकि और भी ज्यादा फिल्मों को दिखाया गया था। इनमे एस एस राजमौली की ‘बाहुबली’, कंगना रनौत की ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’, अक्षय कुमार की ‘गब्बर इस बैक’, तमिल फिल्म ‘कनावु वरियाम’ आदि शामिल थी।

    निकोलस बोनर ने आगे कहा, ‘हम और ज्यादा हिंदी फिल्में लोगों को दिखाना चाहते हैं, लेकिन हमारे जैसे छोटे सिनेमा के लिए व्यापार करने के लिए कोई कंपनी तैयार नहीं है।’

    पहले हालाँकि उत्तरी कोरिया में ऐसी फिल्मों को नहीं दिखाया जाता था और सिर्फ देश की फिल्में दिखाई जाती थी। धीरे -धीरे व्यापार को बढ़ाने के लिए कुछ इंग्लिश फिल्मों को दिखाना शुरू किया गया। इसके अलावा अगर किसी फिल्म में उत्तरी कोरिया का जिक्र होता है, तो इसे बैन कर दिया जाता है। फ़िलहाल में भारतीय फिल्में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा पसंद की जा रही है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।