संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका की अगुवाई में उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबन्ध लगाए हैं। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में सभी सदस्यों ने 15-0 से वोट करके उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध को सही ठहराया।
इस नए प्रतिबन्ध के जरिये उत्तर कोरिया भेजे जाने वाले कोयला, लीड और सीफ़ूड पर पूरी तरह से रोक लगायी जायेगी।
इससे पहले अमेरिका ने इससे भी कड़े प्रतिबन्ध लगाने की बात की थी। अमेरिका के मुताबिक उत्तर कोरिया को किसी भी तरह का कच्चा तेल भेजने पर रोक लगनी चाहिए। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका उन सभी देशों से सम्बन्ध तोड़ देगा, जो उत्तर कोरिया से व्यापर कर रहे हैं।
जाहिर है उत्तर कोरिया लगातार अमेरिका को युद्ध की धमकियाँ देते आ रहा है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का टेस्ट किया था। इसके बाद कोरियाई महाद्वीप के साथ साथ बाकी के देशों में युद्ध की परिस्थिति बन गयी है।
कोरिया के हाइड्रोजन टेस्ट के बाद अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर सख्त प्रतिबन्ध लगाने की बात की थी। तेल पर प्रतिबन्ध के अलावा अमेरिका की मांग थी कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की संपत्ति भी जब्त की जाए। अमेरिका ने बाद में इस प्रतिबन्ध को हटा दिया था।
उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबन्ध :
नवंबर 2016 – उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु परिक्षण की वजह से संयुक्त राष्ट्र ने चीन द्वारा कोरिया में भेजे जाने वाले कोयले पर लगभग 60 फीसदी की रोक लगा दी थी। इसके अलावा जिंक और सिल्वर के निर्यात पर भी रोक लगा दी गयी थी।
जून 2017 – उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक रॉकेट टेस्ट करने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने देश पर नए प्रतिबन्ध लगाए। इन प्रतिबन्ध के जरिये उत्तर कोरिया के चार संगठनों और 14 अधिकारीयों की संपत्ति जब्त कर ली गयी एवं उनपर खुले में घूमने पर रोक लगा दी गयी।
अगस्त 2017 – संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों ने एकमत होकर उत्तर कोरिया द्वारा निर्यात की जाने वाली चीज़ों जैसे कोयला, ओर और बाकी कच्चे पदार्थों पर रोक लगायी। इसके अलावा उत्तर कोरिया में निवेश पर भी अंकुश लगाया।
सितम्बर 2017 – उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन टेस्ट करने के बाद 11 सितम्बर को संयुक्त राष्ट्र के एकमत होकर उत्तर कोरिया को भेजे जाने वाले किसी भी तरह के कोयले और लीड पर प्रतिबंध लगा दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के इस कदम से प्योंयांग के परमाणु कार्यक्रम को झटका लगेगा। इसके अलावा उत्तर कोरिया के साथ देश कहे जाने वाले चीन और रूस ने भी उत्तर कोरिया के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। दोनों देशों ने उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों का समर्थन किया है।