उत्तर कोरिया ने सोमवार को कोरिया पेनिन्सुला के बाबत परमाणु वार्ता ठप पड़ने का आरोप डोनाल्ड ट्रम्प पर लगाया है। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत किम सोंग ने कहा कि “यह सब अमेरिका पर निर्भर करता है कि दोनों राष्ट्रों के बीच अवसर मुहैया किया जायेगा या संकट को आमंत्रित किया जायेगा।”
उन्होंने कहा कि “कोरियाई प्रायद्वीप की हालत अभी भयावह स्थिति से बाहर नहीं आये हैं, तनाव बढ़ता जा रहा है और यह अमेरिका द्वारा राजनीतिक और सैन्य भड़काऊ सैन्य साजिशो का इस तनाव को बढाने में पूरा योगदान है।” 23 अगस्त को उत्तर कोरिया के विदेश मन्त्री री योंग हो ने अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो को अमेरिकी कूटिनीति का जहरीला पौधा करार दिया था। साथ ही अमेरिका से बेतुके ख्वाबो को देखना बंद करने का आग्रह किया था।
री ने पोम्पियो पर उत्तर कोरिया-अमेरिका वार्ता में मतभेद उत्पन्न करने कोशिश करने के ब्व्ही आरोप लगाये हैं। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी राजनयिक वांशिगटन की विदेश नीति से सम्बंधित मामले की बजाये अपनी राजनीति में अधिक दिलचस्पी रखते हैं।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के नेताओं के बीच फ़रवरी में दूसरी मुलाकात हुई थी। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बेचेह दूसरे ऐतिहासिक सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच प्रतिबंधो से रियायत को लेकर मसला हल नहीं हुआ था। मतभेदों के कारण बगैर किसी समझौते को मुलाकात को रद्द कर दिया था।
अमेरिका-उत्तर कोरिया की वार्ता को दोबारा शुरू करने की योजना पर चर्चा की थी। सीओल की स्पाई एजेंसी के मुताबिक, यह वार्ता अगले दो या तीन हफ्तों में आयोजित हो सकती है। प्योंगयांग ने कहा कि वह वर्किंग लेवल की वार्ता को दोबारा सितम्बर के अंत में शुरू करने के लिए इच्छुक है लेकिन कोई तारीख या स्थान तय नहीं किया गया है।