दक्षिण कोरिया (south korea) ने मंगलवार को कहा कि “वह उत्तर कोरिया (north korea) के लोगो को सहायता करने के लिए वैश्विक एजेंसी को अतिरिक्त मदद मुहैया करने पर विचार कर रहे हैं जो स्वास्थ्य मामलो से जूझ रहे हैं। दक्षिण कोरिया की यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री ने कहा कि “अनुदान के लिए यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संघठन जैसी संस्थाओं को उत्तर कोरिया के प्रोजेक्ट के लिए मदद की जाएगी।”
उत्तर कोरिया वैश्विक प्रतिबंधों, बिगड़ती अर्थव्यवस्था और प्रतिकूल जलवायु हालातो के कारण भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। बीते वर्ष साम्यवादी राष्ट्र की पैदावार साल 2008 से सबसे निचले स्तर पर है और उनकी करीब 40 फीसदी जनता को तत्काल पर्याप्त भोजन की जरुरत है। यह वैश्विक खाद्य कार्यक्रम और खाद्य व कृषि संघठन ने जानकारी दी थी।
दो वैश्विक एजेंसियों के मुताबिक, उत्तर कोरिया को इस वर्ष 13.6 करोड़ टन गेंहू मुहैया किया जायेगा। दक्षिण कोरिया ने इस माह के शुरुआत में डब्ल्यूएफपी और यूनिसेफ को 80 लाख डॉलर को अनुदान दिया था। सीओल ने ऐलान किया कि वह अपने गरीब पड़ोसी राष्ट्र को 50000 टन चावलों को भेजेंगे।
यूनिफिकेशन मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि “आंतरिक प्रशासन की सभी जरुरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद डब्ल्यूएफपी के साथ मिलकर उत्तर कोरिया को गेहूं भेजा जायेगा।” अधिकारी ने कहा कि “डब्ल्यूएफपी संभावित प्रतिबंधों के मामले में रियायत का ख्याल रखेगा। एजेंसी ट्रांसपोर्टिंग और सहायता के वितरण की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।”
यह नौ वर्षों में पहली बार है जब दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को गेंहू भेजे हैं और वैश्विक एजेंसी के जरिये मदद करना भी पहली बार है। साल 2010 में दक्षिण कोरिया की सरकार ने 5000 टन चावल को उत्तर कोरिया भेजा था। भारी बाढ़ के कारण फसल खराब हो गयी थी और साम्यवादी राष्ट्र में भोजन की कमी हो गयी थी।