उत्तर कोरिया पर तेल प्रतिबंधों के बाद अब अमेरिका व चीन के बीच में जुबानी जंग छिड़ गई है। पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्विटर पर चीन के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा था कि चीनी जहाज उत्तर कोरिया को तेल आपूर्ति करते हुए रंगे हाथों पकडा गया है। अगर ऐसा ही रहा तो उत्तर कोरिया परमाणु संकट का हल शांतिपूर्ण तरीके से नहीं हो सकेगा।
अब चीन ने डोनाल्ड ट्रम्प पर पलटवार करते हुए उनके दावों को खारिज किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाताओं को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे पूरी तरह गलत है। इस मामले में हाल की खबरें तथ्यों से बिल्कुल मेल नहीं खाती है।
वास्तव में चीनी बंदरगाह पर ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिसमें किसी जहाज ने तेल आपूर्ति की है। आगे कहा कि हमने चीनी कंपनियों व नागरिकों को संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी है।
चीन ने हमेशा से ही उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को पूरी तरह लागू किया है। लेकिन यदि जांच के माध्यम से ये पुष्टि हो जाती है कि किसी चीनी कंपनी या नागरिक ने सुरक्षा परिषद प्रस्तावों का उल्लंघन कर किया है तो चीन कानूनों और विनियमों के अनुसार गंभीरता से उस पर कार्रवाई करेगा।
हांगकांग के जहाज को किया सीज
वहीं दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के जलपोत को तेल आपूर्ति करने के आरोप में हांगकांग में पंजीकृत एक जहाज लाइटहाउस विनोमोर को सीज कर दिया है।
इस पर उत्तर कोरिया को तेल पहुंचाने का आरोप है। दक्षिण कोरिया के एक विदेश अधिकारी के मुताबिक 19 अक्टूबर को चीनी बंदरगाह में पंजीकृत इस जहाज को चीन और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच अंतरराष्ट्रीय समुद्र में तेल आपूर्ति करते हुए पकड़ा गया था। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे मामले की जानकारी नहीं है।
अमेरिका ने चीन व अन्य देशों के 10 जहाजों को उत्तर कोरिया के साथ अवैध व्यापार के लिए ब्लैकलिस्ट की श्रेणी में डालने का भी प्रस्ताव दिया है।