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उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया

कोरियाई प्रायद्वीप पर पिछले कई सालों से अशांति का माहौल था। अब हालाँकि यह लग रहा है कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया जल्द ही शांति वार्ता करने जा रहे हैं और माहौल के बेहतर होने की कामना की जा रही है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन इस शुक्रवार को दोनों कोरियाई देशों के बीच स्थिति असैनिक इलाके का दौरा करेंगे और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे। यह दोनों देशों के नेताओं के बीच सबसे बड़ी मुलाकात बताई जा रही है।

आपको बता दें कि 1950 के दशक में हुए कोरियाई युद्ध के बाद यह पहली बार होगा जब कोई उत्तर कोरियाई नेता दक्षिण कोरिया में कदम रखेगा। इससे पहले हाल ही में किम जोंग उन नें अपनी बहिन को दक्षिण कोरिया भेजा था।

उत्तर कोरिया के गाँव पंमुन्जोम के पास यह मुलाकात होगी। इसमें दोनों देशों के बीच कई तरह की शान्ति साझेदारी स्थापित की जाने की बात कही रही है।

इस मुलाकात से आने वाले समय में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच होने वाली मुलाकात के लिए भी राह आसान होगी। आपको बता दें कि जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन मुलाकात करने जा रहे हैं।

शान्ति वार्ता का दौर

किन जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प
किन जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प

दोनों कोरियाई देशों के बीच शान्ति वार्ता का यह दौर तब शुरू हुआ जब किम जोंग उन नें अपने देश के खिलाड़ियों को शीत ओलिंपिक में खेलने की अनुमति दी थी।

हाल ही में संपन्न हुए शीत ओलिंपिक में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया दोनों देशों के खिलाड़ी एक कोरिया के झंडे के नीचे चले थे। इसी के बाद से यह कहा जा रहा था कि जल्द ही दोनों देशों के बीच सम्बन्ध अच्छे हो जायेंगे।

इसी दौरान किम जोंग उन नें अपनी बहन को दक्षिण कोरिया भेजा था। उनकी बहन नें दक्षिण कोरिया जाकर वहां के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात की और यह बात कही कि दोनों देश के नेता शान्ति का माहौल स्थापित करना चाहते हैं।

किम जोंग उन का चीन दौरा

किन जोंग उन चीन दौरा

इस दौर में अहम् पड़ाव तब आया जब किम जोंग उन नें चीन जाने का मन बनाया। किम जोंग उन नें रेल के जरिये चीन का सफ़र तय किया और यहाँ आकार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की।

इस मुलाकात के दौरान किम जोंग उन नें अमेरिका के साथ रिश्ते बेहतर करने की बात कही और यह इच्छा जताई कि वे डोनाल्ड ट्रम्प ने मिलना चाहते हैं।

शी जिनपिंग नें जब यह खबर डोनाल्ड ट्रम्प को दी तो ट्रम्प नें तुरंत अपनी ख़ुशी ट्विटर पर जाहिर की।

ट्रम्प नें कहा था कि जल्द ही किंग जोंग उन से मिलेंगे और इस परमाणु संकट को खत्म करेंगे।

क्या चाहता है किम जोंग उन?

उत्तर कोरियाई तानाशाह नें हाल ही में यह घोषणा की थी कि अब से उत्तर कोरिया किसी प्रकार के परमाणु हथियार का परिक्षण नहीं करेगा।

इस बात से पुरे विश्व में ख़ुशी का माहौल जरूर पैदा हुआ था, लेकिन अभी भी कई प्रकार की आशंकाएं हैं।

दरअसल, किम कोंग उन नें यह नहीं बताया है कि वह वर्तमान में मौजूद परमाणु हथियारों का क्या करेगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति नें यह साफ़ कर दिया है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते तब तक ठीक नहीं हो सकते, जब तक उत्तर कोरिया को पूरी तरह परमाणु हथियारों से मुक्त नहीं किया जाता है।

आपको यह भी बता दें कि उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा कई प्रकार के अन्तराष्ट्रीय प्रतिबन्ध लगाये जा चुके हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि किम जोंग उन इन प्रतिबंधों से अपने देश को मुक्त कराना चाहते हैं और इसी कारण उन्होनें शान्ति वार्ता करने की बात कही है।

उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में यह भी कहा गया था कि उत्तर कोरिया अब अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहता है।

भविष्य?

इस मामले में आगे क्या होगा यह तो अभी निश्चित नहीं है, लेकिन किम जोंग उन ने जो शान्ति वार्ता का फैसला किया है, वह बहुत सराहनीय है।

काफी समय से दोनों कोरिया के देशों के लोगों के बीच एक दुसरे के लिए द्वेष भरा हुआ था। आये दिन दोनों देशों के बीच किसी न किसी प्रकार की जुबानी जंग होती रहती थी।

अब हालाँकि आशा है कि कोरिया एक साथ हो सके और पहले की तरह लोगों को एक कोरियाई छवि मिल सके।

इसी के साथ अमेरिका और उसके साथी देशों में शान्ति का माहौल है।

पिछले एक साल में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान नें कई बार उत्तर कोरिया को युद्ध की धमकी दी थी।

उत्तर कोरिया नें पिछले साल सितम्बर के महीनें में एक हाइड्रोजन बम का परिक्षण किया था, जिसके बाद सभी देश मिलकर उत्तर कोरिया के खिलाफ हो गए थे।

इसके तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र नें उत्तर कोरिया पर कई तरह से आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए थे।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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