Wed. Jul 3rd, 2024
    अमेरिका चीन उत्तर कोरिया

    उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की खबरों के बाद अमेरिका सबसे ज्यादा चिंतित हो गया है। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उत्तर कोरिया मुद्दे को लेकर फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों ने इस स्थिति से निपटने को लेकर साथ काम करने पर जोर दिया।

    उत्तर कोरिया के जारी मिसाइल परीक्षणों के बाद संभावना है कि इस पर अन्य अतिरिक्त प्रतिबंध भी लगा दिए जाए। गुरूवार को चीन व अमेरिकी अधिकारियों ने उत्तर कोरिया के उत्तेजित मिसाइल परीक्षणों को रोकने को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। अमेरिका व चीन के बीच में इस दौरान उत्तर कोरिया संकट को कम करने को लेकर शांत सैन्य वार्ता हुई है।

    अमेरिका व चीन के अधिकारियों के बीच में कम प्रोफाइल व गैर-सार्वजनिक सभा की बैठक वाशिंगटन के नेशनल सुरक्षा यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई।

    गुरुवार को हुई बातचीत का नेतृत्व वरिष्ठ चीफ के योजना निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रिचर्ड क्लार्क और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मेजर जनरल शाओ युआनमिंग ने किया।

    दोनों देशों के अधिकारियों ने उत्तर कोरिया संकट को लेकर वार्ता की। हालांकि पेंटागन ने कहा कि ये वार्ता उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के शुरू होने से पहले ही निर्धारित थी।

    उत्तर कोरिया फैलाना चाहता है दहशत

    कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण से यह दिखाना चाहता है कि उसकी मिसाइल अमेरिका के वाशिंगटन व जापान तक आसानी से पहुंच सकती है। अब चीन भी उत्तर कोरिया पर शिकंजे कसने की तैयारी में लगा हुआ है।

    दोनों ताकतवर देश साथ आकर इस संकट का मुकाबला करना चाहते है। अधिकारियों ने चर्चा के दौरान संकटों का प्रबंधन करने, जोखिम को कम करने के तरीकों को लेकर बातचीत की।

    हाल ही में उत्तर कोरिया के नवीनतम मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका व चीन सहित कई देश चिंतित हो गए है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया व जापान को उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण को लेकर संकेत मिले थे।

    वाइट हाउस ने जताई चिंता

    उत्तर कोरिया द्वारा एक और मिसाइल टेस्ट करने के बाद वाइट हाउस ने कहा है कि वर्तमान में उत्तर कोरिया पुरे विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

    वाइट हाउस के डिप्टी सेक्रेटरी राज शाह के मुताबिक, “उत्तर कोरिया का खतरा एक बहुत बड़ा खतरा है। यह सिर्फ अमेरिका या कोरियाई महाद्वीप या किसी निर्धारित क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है, बल्कि पुरे विश्व और मानवता के लिए खतरा है।”