अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजक देश की सूची में डाल दिया था। इसके बाद मंगलवार को उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की गई। डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने उत्तर कोरिया की शिपिंग फर्मों और चीनी व्यापारिक कंपनियों पर कई प्रतिबंध लगाए है।
इन प्रतिबंधों के तहत परमाणु हथियारों के विकास पर सहयोग करने वाली कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाकर उत्तर कोरिया के इन कार्यक्रमों को रोका जाएगा।
परमाणु हथियारों से संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति अब उत्तर कोरिया को आसानी से नहीं हो पाएगी। ट्रम्प प्रशासन की रणनीति है कि उत्तर कोरिया जैसे दुष्ट राष्ट्र को अलग-थलग कर दिया जाए ताकि वो अपने खतरनाक मंसूबे में कामयाब न हो पाए।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने इसी क्रम में विदेशों में श्रमिक भेजे जाने वाली एक उत्तर कोरियाई कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका ने यह प्रतिबंध उत्तर कोरिया के साथ सैकड़ों लाख डॉलरों का व्यापार करने वाले चीनी कंपनियों व उत्तर कोरियाई कंपनी पर यह प्रतिबंध लगाया है।
शिपिंग व परिवहन कंपनियों पर लगाए प्रतिबंध
ट्रम्प प्रशासन ने उत्तर कोरिया के साथ उसके देश से व्यापार करने वाली शिपिंग व परिवहन कंपनियों पर ये प्रतिबंध लगाए है। इन प्रतिबंधों में चार चीनी कंपनियां भी शामिल है जो उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करती है।
एक चीनी कंपनी ने आरोप लगाया है कि उसने उत्तर कोरिया से लगभग 650 मिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया है और 2013 के बाद से उत्तर कोरिया से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा आयात किया है।
वस्तुओं में नोटबुक कंप्यूटर, एन्थ्रेसाइट कोल, लोहा और अन्य वस्तुएं शामिल है। इसके अलावा एक और चीनी कंपनी ने उत्तर कोरिया को 28 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा सामान निर्यात किया है। अब इन प्रतिबंधों से अचानक से इन कंपनियों पर संकट मंडरा गया है।
ट्रम्प प्रशासन किसी भी तरह से उत्तर कोरिया को आर्थिक रूप से कमजोर बनाने में लगा हुआ है। वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने मंगलवार को कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ढांचे से एकतरफा प्रतिबंधों का कड़ाई से विरोध करता है।
उत्तर कोरियाई परिवहन नेटवर्क को रोकने के अपने प्रयास के रूप में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उत्तर कोरिया के समुद्री प्रशासन और उसके परिवहन मंत्रालय, छह उत्तर कोरियाई नौवहन और व्यापारिक कंपनियां पर प्रतिबंध लगाया है।