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    रूस अमेरिका

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने समकक्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने सीरिया के गृहयुद्ध पर बात की और इसे शांतिपूर्वक तरीके से हल करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

    ट्रम्प व पुतिन की वार्ता पर व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने सीरिया मुद्दे पर बात की। ट्रम्प व पुतिन के बीच करीब डेढ़ घंटे चली वार्ता में दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व में आतंकवादी समूहों से लड़ने पर भी चर्चा की।

    इस दौरान पुतिन व ट्रम्प ने खूंखार आतंकवादी समूहों जैसे, आईएसआईएस, अलकायदा और तालिबान को जड़ के खत्म करने पर जोर दिया।

    ट्रम्प ने व्हाइट हाउस लॉन पर समुद्री वन पर चढ़ने से पहले संवाददाताओं से कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ हमने फोन पर महान वार्ता की, जिसमें हम सीरिया में शांति स्थापित करने पर बात कर रहे है। इसके अलावा उत्तर कोरिया मुद्दे व यूक्रेन पर भी हम बात कर रहे है।

    आतंकवाद व उत्तर कोरिया मुद्दे पर हुई बातचीत

    व्हाइट हाउस ने ट्रम्प व पुतिन की बातचीत के बारे में कहा कि दोनों देश के नेताओं ने सीरिया संकट को शांतिपूर्वक सुलझाने, विस्थापित सीरियाई लोगों को घर वापस करने, आतंकवाद से मुक्ति दिलाने व संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई वाली जिनेवा प्रक्रिया का समर्थन किया।

    इसके अलावा मध्य पूर्व और मध्य एशिया में आतंकवाद के बढते प्रभाव पर बात करते हुए इसके खात्मे में आपसी सहयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा दोनों ने यूक्रेन में स्थायी शांति कैसे लागू की जाए इस पर भी चर्चा की।

    दोनों के बीच सबसे महत्वपूर्ण बातचीत उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम को लेकर हुई। इस दौरान दोनों ने उत्तर कोरिया पर अंतरराष्ट्रीय दबाव जारी रखने की आवश्यकता बताई। गौरतलब है कि वियतनाम में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान भी ट्रम्प व पुतिन ने सीरिया के बारे में बात की थी।

    सीरिया युद्ध क्या है ?

    दरअसल सीरिया में युद्ध शुरू होने से पहले सीरियाई लोग देश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार व वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद के दमन के खिलाफ थे। सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के ख़िलाफ़ 6 साल पहले शुरू हुई शांतिपूर्ण बगावत पूरी तरह से गृहयुद्ध में तब्दील हो चुकी है।

    जानकारी के अनुसार इसमें अब तक 3 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके है। असद सरकार ने देश जारी लोगों के विरोध-प्रदर्शन को कुचलने के प्रयास शुरु किए। जिस वजह से सीरिया में सरकार के खिलाफ भारी मात्रा में रोष उत्पन्न होने लगा। और असद के इस्तीफे की मांग की।

    धीरे-धीरे विरोध बढ़ता गया और जारी लड़ाई में इस्लामिक स्टेट का प्रवेश हुआ। सीरिया की लड़ाई में ईरान, अमेरिका, रूससऊदी अरब ने भी हस्तक्षेप किया। अमेरिका ने हवाई हमले शुरू किए जिस वजह से स्थिति ज्यादा बिगड़ गई।