श्रीलंका में रविवार को आठ भिन्न स्थानों पर बम विस्फोट हुए थे जिसमे 300 लोगो की मृत्यु हुई है और सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को फ़ोन किया और राष्ट्र के साथ एकजुटता की आवाज़ को प्रबल किया था।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि “आज सुबह श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से फ़ोन पर बातचीत की और उन्हें सूचित किया कि आतंकवाद से लड़ने में अमेरिका उनके और उनके राष्ट्र के साथ खड़ा है। साथ ही अमेरिका की जनता और खुद की तरफ से संवेदना भी व्यक्त की थी।”
Spoke to Prime Minister Ranil Wickremesinghe of Sri Lanka this morning to inform him that the United States stands by him and his country in the fight against terrorism. Also expressed condolences on behalf of myself and the People of the United States!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 22, 2019
इसी दिन की शुरुआत में ईस्टर रविवार को हुए हमले को “सोच से परे” करार दिया था। उन्होंने कहा कि “हम श्रीलंका के साथ कार्य कर रहे हैं लेकिन यह बेहद खौफनाक था।”
अमेरिका का सहयोग
व्हाइट हाउस के डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी होगन गिडले ने कहा कि “आरोपियों की न्याय के कठघरे में लाने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प ने श्रीलंका को अमेरिका का समर्थन देने का संकल्प लिया है। साथ ही नेताओं ने वैश्विक आतंकवाद से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। हमले की तफ्तीश के बाबत विक्रमसिंघे ने डोनाल्ड ट्रम्प को अपडेट किया है।”
वांशिगटन टाइम्स के मुताबिक, मृतकों में चार अमेरिकी नागरिक थे जबकि अन्य घायल है। श्रीलंका की सरकार ने इस हमले का आरोप स्थानीय इस्लामिक आतंकी समूह नेशनल थोविथ जमा अथ पर लगाया है।
श्रीलंका के सैन्य प्रवक्ता सुमित अटापट्टू ने बताया कि “उन्हें यकीन है कि इन आतंकी हमलो को छ फियादीन हमलावरों ने अंजाम दिया है। विस्फोट की जांच अभी जारी है हालाँकि श्रीलंका विभाग के आदेशों के मुताबिक वारदात के स्थानों पर इंटरपोल की तैनाती कर दी गयी है।”
इंटरपोल डेक्रेटरी जनरल जुर्गेन स्टॉक ने बयान में कहा कि “इस भयावह हमले की जांच श्रीलंका के विभाग कर रहे हैं लेकिन इंटरपोल हर जरुरी सहयोग करेगी।” इस हमले की देखरेख के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति ने तीन सदस्यीय पीठ की नियुक्ति की है।