ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने गुरूवार को अमेरिका और उसके सहयोगियों पर दक्षिणी पूर्वी ईरान में आत्मघाती हमले का इल्जाम लगाया है। इस आतंकी हमले में ईरानी इलीट रेवोलेशनरी गार्ड्स के 27 सदस्यों की मृत्यु हो गयी थी। रायटर्स की खबर के मुताबिक, फाॅर्स ने बुधवार को कहा कि “सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही बस पर सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन से टक्कर मार दी थी।”
सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल अद्ल (न्याय की सेना) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह ईरान में अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार और रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की मांग का दावा करता है।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि यह अपराध आतंकवादियों के समर्थकों अमेरीका, ईजराइल और उनके सहयोगियों के दामन में हमेशा काले धब्बे बनकर रहेंगे। इजराइल के आलावा हसन रूहानी ने अन्य क्षेत्रीय देशों का नाम सार्वजनिक नहीं किया जिसे वह इस हमले का दोषी मानते हैं।
ईरान के वरिष्ठ नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने कहा कि “इस अपराध और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख़ुफ़िया व जासूसी विभागों के मध्य कोई ताल्लुक तो जरूर है।” उन्होंने इस आतंकी हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
हसन रूहानी ने कहा कि “हालिया वर्षों में ईरान की सेना पर किये गए सब खतरनाक हमले के दोषियों को सज़ा दिलवाने के लिए ईरान दृढ संकल्पित है।”
भारत के जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले की ईरान ने कड़ी आलोचना की थी। कश्मीर के पुलवामा जिले में पाकिस्तानी समर्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले कर दिया जिसमे 40 सैनिकों की शहादत की खबर आयी है।
Ye wahi Jews means yahoodi hai jinhone yeshu ko sooli par lat kaya, aur aryans ko yerusheelam se bhagaya tha 5000 saal pehle Islam to duniya me nahi tha use bhulna nahi chahiye