ईरान नें फैसला किया है कि वह एशियाई देशों को सस्ते दामों में तेल बेचेगा। इसके चलते भारत को पिछले 14 सालों में सबसे कम कीमत पर तेल मिलेगा।
आपको बता दें कि अमेरिका नें हाल ही में ईरान पर कई प्रतिबन्ध लगाये थे। इसके अलावा अमेरिका नें भारत को चेतावनी दी थी कि वह ईरान से व्यापार कम करे। इसी का जवाब देते हुए ईरान नें अब तेल की कीमतों में कटौती करने का फैसला किया है।
ईरान के तेल मंत्रालय नें हालाँकि इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि एशियाई देशों की ओर से डिमांड कम होने की वजह से ईरान नें यह फैसला किया है।
ईरान की ओर से हालाँकि इस बात पर सफाई देते हुए कहा गया है, “विश्व बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव सामान्य है।”
ब्लूमबर्ग नें इस बारे में कहा है कि ईरानी कंपनी नें पिछले 14 सालों में सबसे कम कीमतों में इस बार तेल बेचा है। ये कीमतें भारत समेत कई एशियाई देशों पर लागू होंगी।
अमेरिका का ईरान पर प्रतिबन्ध
जाहिर है अमेरिका नें हाल ही में ईरान के साथ 2015 में हुई डील से हाथ वापस ले लिया था। इसके बाद ट्रम्प प्रशासन नें फैसला किया था कि वह ईरान पर तेल और अन्य एक्सपोर्ट को लेकर प्रतिबन्ध लगाएगी।
अमेरिका के इस प्रतिबन्ध का हालाँकि अन्य देशों नें समर्थन नहीं किया है।
ईरान के तेल के मुख्य दो खरीदार भारत और चीन हैं। दोनों ही देशों नें कहा है कि वह ईरान से तेल खरीदना कम नहीं करेंगे।
इसके बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के तेल व्यापार में कमी देखने को मिलेगी और यह कमी प्रतिदिन करीबन 7 लाख बैरल तक हो सकती है।
ईरान के तेल व्यापार का हालाँकि यूरोपीय देशों पर भी असर पड़ेगा। यूरोप के देश अमेरिका से ज्यादा व्यापार करते हैं, ऐसे में उनके लिए यह फैसला कठिन होगा कि ईरान से तेल व्यापार बढाया जाए या फिर अमेरिका से रिश्ते मजबूत रखे जाएँ।
भारत पर क्या होगा असर
जैसा कि हमनें बताया कि भारत नें यह साफ़ कर दिया है कि वह ईरान से तेल लेना कम नहीं करेगा।
भारत और ईरान के बीच सम्बन्ध काफी सालों से मजबूत रहे हैं। ऐसे में भारत नहीं चाहता कि अमेरिका के दबाव में वह अपने मजबूत दोस्त देश के साथ रिश्ते कमजोर करे।