अमेरिका ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि की तोड़ दिया था और ईरान पर दोबारा प्रतिबन्ध थोप दिए थे। अमेरिका ने आरोप लगाये कि ईरान मिसाइल परीक्षण कर रहा है जिसकी पुष्टि स्वयं ईरान ने कर दी है। ईरान ने स्वीकार किया कि हाल ही में उन्होंने मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण किया था।
ईरान की मीडिया ने कहा कि सरकार मिसाइल परिक्षण जारी रखेगी और हाल ही में हुआ टेस्ट सार्थक था। ईरान के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमिराली हजिज़देह अमेरिका की प्रतिक्रिया दर्शाती है कि यह उनके लिए एक बड़ा टेस्ट है और इससे वह परेशान हुए हैं। उन्होंने कहा कि इरान इस वर्ष 40 से 50 मिसाइल टेस्ट करेगा।
ईरान ने साल 2015 में हुई संधि टूटने के बाद मिसाइल टेस्ट को अंजाम दिया है। फ्रांस और ब्रिटेन ने 4 दिसम्बर को यूएन सुरक्षा परिषद् में ईरान के हाल ही में किये मिसाइल परिक्षण के बाबत एक प्रस्ताव रखा था। दोनों सरकारों ने मिसाइल परिक्षण को उत्तेजक और असंगत बताया था।
ब्रिटेन ने कहा कि ऐसे मिसाइल परिक्षण रक्षात्मक जरूरतों से ज्यादा है। ईरान ने कई प्रकार के मिसाइल परिक्षण, जिनकी मारक क्षमता 3000 किलोमीटर है। यह मिसाइल इजराइल और पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित देशों को तबाह करने में सक्षम है।
रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में हुए मिसाइल टेस्ट के सम्बंधित कोई तारीख या सूचना की पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिका ने इस डील को संसोधन 2231 का उल्लंघन बताया था। रूस ने वीटो का अधिकार का इस्तेमाल कर तेहरान का बचाव किया था और कहा कि रक्षा के लिए मिसाइल रखना उनका अधिकार है।
सुरक्षा परिषद् की अगली बैठक 19 दिसम्बर की है। पश्चिमी आलोचकों का ध्यान तेहरान मिसाइल प्रोग्राम और उनकी सेना के इस क्षेत्रीय दखलंदाजी पर है।