ईरान ने ब्रिटेन से शुक्रवार को तत्काल उनके तेल टैंकर को रिहा करने की मांग की है। ब्रितानी रॉयल मरीन ने बीते हफ्ते एक शाही समुंद्री जहाज को जब्त कर लिया था। ब्रितानी सेना को शक था कि ईरानी जहाज सीरिया को तेल भेज रहा था जो सरासर यूरोपीय प्रतिबंधो का उल्लंघन है।
ईरान के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि “यह एक खतरनाक खेल है और इसके परिणाम है। इस जब्ती के कानूनीआधार वैध नहीं है। टैंकर को रिहा करना देशों के हित में हैं।” अगर टैंकर को रिहा नहीं किया कि ईरान ने प्रतिकारी कार्रवाई की चतावनी दी थी।
ब्रिटेन ने गुरूवार को कहा कि तीन ईरानी जहाजो ने ब्रितानी टैंकरो का रास्ता बाधित करने की कशिश की थी, जब वह होर्मुज़ के जलमार्ग से गुजर रहा था। इस मार्ग से मध्य पूर्व से विश्व में तेल का अधिकतर निर्यात होता है।
ईरान ने इन आरोपों का खंडन किया है कि उन्होंने कोई ऐसा कार्य नहीं किया है। ब्रिटेन द्वारा तेल टैंकर को जब्त करने के कारण ईरान और पश्चिम के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। मौसावी ने आरोप लगाया कि “ब्रिटेन ने अमेरिका के दबाव में टैंकर को जब्त किया है। ऐसी गैर कानूनी कार्रवाई पेसियन गल्फ में तनाव को बढ़ाएगी।”
दशको से शिया बहुल ईरान और अमेरिकी समर्थित सुन्नी खाड़ी अरब दुश्मन मध्य पूर्व में प्रॉक्सी जंग में जुटे हुए हैं। ब्रिटेन उन यूरोपीय देशों में शुमार है जिन्होंने ईरान के साथ 2015 परमाणु संधि पर दस्तखत किये थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष अमेरिका को इस संधि से बाहर निकाल लिया था।
इसके बाद मई में वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे। साथ ही सभी देशों और कंपनियों को ईरानी तेल आयात करने पर रोक लगा दी थी। अमेरिका के प्रतिबंधों के प्रतिकार में ईरान ने अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने का ऐलान किया था।
अमेरिका ने तेहरान पर आरोप लगाया कि यह शिपिंग के सिलसिलेवार हमले विश्व के सबसे महत्वपूर्ण अंग पर हमला है। इन आरोपों को तेहरान ने ख़ारिज किया है। ईरानी टैंकर की जब्ती के बाद हालिया हफ्तों में अमेरिकी-ईरानी संघर्ष काफी बढ़ा है।
वांशिगटन ने क्षेत्र में अत्याधिक सैनिको को भेजा था। मौसावी ने कहा कि “विदेशी ताकतों को क्षेत्र छोड़ना चाहिए क्योंकि ईरान और अन्य क्षेत्रीय देशो में क्षेत्रीय सुरक्षा को सुरक्षित रखने की काबिलियत है। ईरान ने पड़ोसियों के साथ निरंतर बातचीत करने की तत्परता को व्यक्त की थी।”