अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने रविवार को कहा कि “तेहरान की सरकार ने ईरान की यात्रा करने और सीधे तौर पर जनता से मुखातिब होने के अमेरिका के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है।” माइक पोम्पियों ने कहा कि “हाल ही में मैंने तेहरान की यात्रा करने और ईरानी जनता से सीहे तौर पर बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। ईरानी सरकार ने मेरे प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।”
ईरान सरकार का इंकार
उन्होंने कहा कि “हम जावेद जरीफ के अमेरिका आने से नहीं घबराते हैं, यहाँ वह मुक्त रूप से बोलने की आज़ादी का फायदा उठाते हैं। यह खामेनेई सरकार के बेहद बुरे तथ्य है कि वह मुझे यही चीज तेहरान में करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। क्या होगा अगर जनता सच, बगैर तोड़ मरोड़ और विस्तार से सुनेगी।”
जावेद जरीफ ने इस माह में यूएन की बैठक के लिए न्यूयोर्क की यात्रा की थी और अमेरिकी मीडिया में कई इंटरव्यू दिए थे। उनकी ईरान की यात्रा के बाबत माइक पोम्पियों ने कहा कि “मैं वहां कोई प्रोपोगेंडा फ़ैलाने नहीं जा रहा हूँ मैं ईरानी आवाम के सामने सच बोलूँगा कि उनके नेतृत्व ने किया कर दिया है और कैसे ईरान को नुकसान पंहुचाया जा रहा है।”
साल 2015 की परमाणु संधि पर दस्तखत करने वाले राष्ट्रों ने रविवार को वियेना में मुलाकात की थी ताकि इस समझौते को बचाया जा सके। अमेरिका ने इस समझौते से बीते वर्ष हाथ खींच लिए थे, इसने तेहरान और वांशिगटन के संबंधों को बिगाड़ दिया था।
खाड़ी में तेल टैंकर पर हमला
हालिया महीनो में पश्चिम और तेहरान के बीच तनाव काफी बढ़ा है, जब खाड़ी में तेल टैंकर पर हमला किया गया, साथ ही तेल जहाजों को जब्त किया गया था। ईरान प्रेस टीवी की सीईओ पेय्मेंन जबेली ने कहा कि “पोम्पियो का इंटरव्यू लेने की उनकी कोई योजना नहीं है। हमने अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियों का इंटरव्यू लेने का कोई आग्रह नहीं किया है और न ही ऐसी कोई योजना है।
ईरान के प्रवक्ता अली रबिएइ ने कहा कि “अगर पोम्पियों ईरान के पत्रकारों को इंटरव्यू देना चाहते हैं तो वह प्रेस टीवी के संवाददाता मर्ज़ेह हाशमी को इंटरव्यू दे सकते हैं।” 59 वर्षीय अमेरिका में जन्मी ईरानी मूल की पत्रकार मर्ज़ेह हाशमी को 13 जनवरी को एफबीआई ने सैंट लुइस के एअरपोर्ट पर परिवार के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
ईरान के अधिकारीयों ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक खेल करार दिया था। हालाँकि उन्हें 10 दिन की हिरासत के बाद रिहा कर दिया था। प्रेस टीवी ने दावा किया कि अमेरिकी जेल में उनके साथ भेदभाव किया गया था, हलाल बोजन खाने से इंकार करने पर उन्हें सूअर का मांस जबरन खिलाया गया और उनका हिजाब उतार दिया गया था।