ईरान और पाकिस्तान ने गुरूवार को नवनिर्मित सीमा क्रासिंग को खोलने में तीव्रता पर रजामंदी जाहिर की है। इसमें प्रभावी बॉर्डर संरचना भी शामिल है। डॉन न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्य ईरान-पाकिस्तान हायर बॉर्डर कमीशन की मुलाकात के दुसरे चरण के इतर हुआ है।
ईरान-पाक समझौता
ईरानी प्रतिनिधियों की एक टीम का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय कानूनी मामलो के डायरेक्टर जनरल बघेर्पौर अर्देकानी ने किया था। वाही पाकिस्तानी प्रतिन्दिही समूह की अध्यक्षता जाहिद हफीज चौधरी ने की थी जो विदेशी विभाग के डायरेक्टर जनरल है।
साल 2017 में पाकिस्तान और ईरान ने एचबीसी की स्थापना सीमा पार प्रबंधन के बेहतर के लिए की थी। हाल ही में कुछ ईरानी सीमा पर स्थानीय लोगो को एक आतंकवादी हमले में फांसी की सजा दी गयी थी। इस पैनल में दोनों तरफ से चार अधिकारी अहि और जुलाई 2017 में उन्होंने पहली बार मुलाकात की थी।
गुरूवार की मुलाकात दो वर्षों के इन्तजार के बाद हुई थी, हालाँकि पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने इस वर्ष तेहरान की अधिकारिक यात्रा की थी। जहां दोनों देशों ने सीमा मामलो पर चर्चा की थी। पाकिस्तान और ईरान की 900 किलोमीटर से अधिक की सीमा लगती है।
साझा सीमा
इस इलाके से ड्रग तस्करों, चरमपंथियों और अपराधिक समूहों का आना जारी रहता है। कुछ समूहों ने इस पूर्व ईरानी सीमा सुरक्षा सैनिको की हत्या की थी। दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा बेहद गंभीर मसला बना रहा है। दोनों पड़ोसी मुल्कों ने हाल ही में सीमा सुरक्षा की बेहतरी के लिए कुछ प्रमुख कदम उठाये थे।
अधिकारिक बयान में पक्सितन के विदेश विभाग ने कहा कि “इस सत्र के दौरान दोनों पक्षों ने मौजूदा सीमा तंत्र की प्रभावी अमल पर रचनात्मक चर्चा की थी। इसमें साल 1960 का पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर प्रशासन का समझौता भी शामिल है। दोनों पक्षों ने इन क्षेत्रों में संयुक्त सहयोग को मजीद मज़बूत करने पर रज़ामंदी जाहिर की थी।”
उन्होंने कहा कि “दोनों पक्षों ने शीघ्र नए सीमा क्रासिंग पॉइंट्स को आपसी समझ के साथ खोलने की प्रतिबद्धता को दोहराया है।”