अमेरिका के दावे को ख़ारिज करते हुए ईरान ने कहा कि उन्होंने साल 2015 में हुई संधि का उल्लंघन नहीं किया है, जिसे समय तौर पर ईरान की परमाणु संधि कहते है। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने सोमवार को कहा कि “उनके देश ने साल 2015 की परमाणु संधि का उल्लंघन नहीं किया है। हमने सभी निर्णयों को ले लिया है और विवादीय उल्लेखित नियम पर कायम रहेंगे।”
संधि का उल्लंघन नहीं किया
जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा कि “हमने परमाणु संधि का उल्लंघन नहीं किया है। संधि का पैरा 36 इसका कारण बताता है। हमने ई 3+2 को कुछ हफ्ते दिए थे कि हमें अधिकारों का संरक्षण करे। हमने आखिरकार 60 दिनों बाद कदम उठा लिए हैं। जब तक ई 3 यानी यूरोपीय संघ के तीन सदस्य अपनी कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे, हम कायम रहेंगे।”
We have NOT violated the #JCPOA.
Para 36 of the accord illustrates why:
We triggered & exhausted para 36 after US withdrawal.
We gave E3+2 a few weeks while reserving our right.
We finally took action after 60 weeks.
As soon as E3 abide by their obligations, we'll reverse. pic.twitter.com/bSxaMFaktH
— Javad Zarif (@JZarif) July 1, 2019
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने संवर्द्धन यूरेनियम के उत्पादन की सीमा में इजाफा किया है और परमाणु संधि का उल्लंघन किया है। अमेरिका ने ईरान पर साल 2015 की संधि के उल्लंघन का इल्जाम लगाया था। अमेरिका ने तेहरान को धमकी दी कि वह उन्हें कभी परमाणु हथियारों को विकसित नहीं करने देंगी।
व्हाइट हॉउस ने कहा कि “इसमें बेहद कम शंका है कि समझौते की मौजूदगी से पूर्व ही ईरान ने इसकी शर्तों का उल्लंघन किया था। हमें ईरान के लिए संवर्द्धन न करने के निरस्त्रीकरण के मानकों को सुधारना होगा। अमेरिका और सहयोगी ईरान को कभी परमाणु हथियारों को विकसित करने नहीं देंगे।”
अमेरिका अत्यधिक दबाव कायम रखेगा
उन्होंने कहा कि “ईरान के शासन पर अत्यधिक दबाव बरकरार रहेगा जब तक उनके नेता बाज नहीं आ जाते। शासन को अपने परमाणु मंसूबो और शत्रुतापूर्ण व्यवहार का अंत करना ही होगा।”
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “परमाणु संधि का उल्लंघन कर के ईरान आग के साथ खेल रहा है।” उन्होंने कहा कि “वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं। वे जानते है कि वे किसके साथ खेल रहे हैं और मेरे ख्याल से वह आग से खेल रहे हैं।”
अमेरिका ने बीते वर्ष परमाणु संधि से अपना नाता तोड़ दिया है और इस वर्ष मई में ईरान ने संधि के कुछ नियमों को तोड़ने का ऐलान किया था।
इस संधि का मकसद ईरान को भविष्य में हथियारों को विकसित करने से रोकना था। इसके बदले में अमेरिका ने ईरान पर लागू प्रतिबंधों को हटा दिया था ताकि बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके। ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में यह समझौते एक कूटनीतिक जीत माना गया था।