अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बढ़वार को कहा कि “अगर वांशिगटन ईरान के साथ जंग में जाता है तो यह संघर्ष जल्द खत्म होने वाला नहीं है और इसमें थल सैनिक भी शामिल नहीं होंगे। मुझे उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा लेकिन हमें एक बेहद मज़बूत स्थिति में है अगर कुछ भी हुआ तो।”
फॉक्स बिज़नेस न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “हम एक मज़बूत स्थिति में है। यह बेहद लम्बे समय तक खत्म नहीं होगी मैं आपको यह बता सकता हूँ। मैं जमीन पर सैनिको की बात नहीं कर रहा हूँ।” ट्रम्प ने 10 मिनट पूर्व प्रतिकार हमले के बाबत बताया था जो ईरान द्वारा अमेरिका के ड्रोन को मार गिराने के बाद होने वाला था।
द वांशिगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने कहा कि “मैं उनके साथ बेहद अच्छा हूँ। उन्होंने हमारे ड्रोन को मार गिराया। मैंने अधिक संख्या में ईरानी नागरिकों को न मारने का ऐलान किया था। मुझे मालूम है कि बेहद ईरानी नागरिक मारे जाते। मुझे ईरानी नागरिक बेहद पसंद है। वे इंसान है, वे नागरिक है। मैं 150 लोगो की हत्या नहीं करना चाहता था।”
इससे पूर्व ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि “तेहरान अमेरिका सहित किसी भी देश के साथ जंग नहीं चाहता है। अगर अमेरिका ईरान के जल वेटर से अतिचार करना चाहता है तो उनकी सेना को एक दृढ प्रतिक्रिया देनी होगी।
रूहानी ने दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय तनावों को बढ़ाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था। यह मामला 20 जून को शुरू हुआ था जब ईरान ने अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था और दावा किया कि ड्रोन ने ईरान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है।
मंगलवार को ट्रम्प ने ईरान के नाश की चेतावनी दी थी और कहा कि “अमेरिका की किसी भी चीज पर हमले पर उन्हें हमारी महान सेना सामना करना होगा।” इसी दिन रूहानी ने व्हाइट हाउस को मंदबुद्धि करार दिया था। ईरानी राष्ट्रपति ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई और अन्य अधिकारीयों पर अमेरिकी प्रतिबंधों को भी खारिज किया था।
इन प्रतिबंधों का मकसद ईरानी नेतृत्व का वित्तीय संसाधनों तक पंहुच को कम करना है और उन्हें अमेरिका की वित्तीय प्रणाली या अमेरिका में सम्पत्तियों तक पहुंच में बाधा डालना है। वांशिगटन ने भी ओमान की खाड़ी में हालिया तेल टैंकरों पर हमले के लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराया है।