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    dalai lama

    तिब्बत से निर्वासित आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने यूरोप के मुस्लिम देश या अफ्रीकी देश बनने पर चिंता जाहिर की है। बीबीसी के साथ बातचीत में आध्यात्मिक नेता ने एक महिला उत्तरधिकारी की सम्भावना और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प में नैतिक सिद्धांतो की कमी के बताया है।

    दलाई लामा ने बयान दिया कि यूरोप, यूरोपीय नागरिकों के लिए हैं और यूरोपीय देशों को इन शरणार्थियों को लेना चाहिए और उन्हें शिक्षा व प्रशिक्षण देना चाहिए और इसका मकसद उनके निश्चित कौशल के साथ उनके मुल्क वापस भेजना होना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि “आखिर में उन देशों का पुनर्निर्माण करना चाहिए जहां से प्रवासी भाग रहे हैं।” प्रवासियों के देशो के हालात खराब होने के कारण वापस न लौटने पर उन्होंने कहा कि “एक सीमित संख्या ठीक है लेकिन इससे समूचा यूरोप मुस्लिम देश में तब्दील हो जायेगा, या अफ्रीकी देश बन जायेगा, यह असंभव है।”

    नोबेल पुरूस्कार विजेता ने पूर्व में भी प्रवासियों के प्रति ऐसे ही विचारो को जाहिर किया था। महिला उत्तराधिकारी होने की संभावनाओं पर उन्होंने हँसते हुए कहा कि “अगर एक महिला दलाई लामा होती है तो उन्हें ज्यादा आकर्षण वाला होना चाहिए। ”

    डोनाल्ड ट्रम्प पर दलाई लामा ने कहा कि “ट्रम्प ने उन्हें एक बार भी मुलाकात के लिए नहीं कहा है। एक दिन वह कुछ और कहते हैं और दुसरे दिन ही पलट जाते हैं। मेरे ख्याल से उनमे नैतिक सिद्धांत की कमी है। ट्रम्प का “अमेरिका पहले” का एजेंडा गलत है और उनकी भावनाये कुछ ज्यादा ही जटिल है।”

    उन्होंने कहा कि “वांशिगटन का पेरिस संधि से नाम वापस और दक्षिणी सीमा पर प्रवासी संकट चिंता के दो प्रमुख क्षेत्र है। जब मैं कुछ युवा बच्चों की तस्वीरें देखता हूँ, मैं दुखी हो जाता हूँ। अमेरिका को वैश्विक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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