ट्रम्प प्रशासन ने ईरान की स्पेस विभागों पर नए प्रतिबंधो को थोप दिया था। यह कदम दोनों देशो के बीच आक्रमकता को ज्यादा बढ़ा देंगे। नए प्रतिबन्ध ईरान की स्पेस एजेंसी और उनके दो अनुसंधान संस्थानों को निशाना बनायेगे। अमेरिका ने ईरान पर आरोप लगाया है कि “वह एक उपग्रह कार्यक्रम के तहत उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है। ऐसे में उनके मिसाइल कार्यों पर प्रतिबंध के आदेश अमेरिका ने दिए हैं।”
वांशिगटन और तेहरान के बीच बीते वर्ष के से सम्बन्ध खराब हो गए थे जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु संधि से सम्बन्ध को तोड़ दिया था। इसके बाद ईरान पर बैंकिंग और वित्त पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रहे हैं।
बीते महीने वांशिगटन ने ईरान के जहाज एड्रिअन दरया 1 को प्रतिबंधित कर दिया था और बताया कि यह जहाज यूरोपीय संघ के प्रतिबंधो का उल्लंघन कर सीरिया को तेल का निर्यात कर रहा था। इसके आलावा देश ने जहाज के कप्तान अखिलेश कुमार पर भी प्रतिबन्ध थोप दिए थे।
तेहरान और वांशिगटन के बीच संघर्ष का केंद्र ग्रेस 1 जहाज है। शुक्रवार को निर्णय लिया गया कि जो भी इस टैंकर को मदद मुहैया करेगा उस पर अमेरिका के प्रतिबंधो का जोखिम रहेगा। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को अमेरिका के साथ किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार कर दिया है। साथ ही साल 2015 की परमाणु संधि से ईरान वादों को तोड़ने की धमकी भी दी है।
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि “हम अमेरिका के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं चाहते हैं। अगर अमेरिका सभी प्रतिबंधो को हटा देता है तो उनसे वार्ता संभव है। हमें इस बाबत कई प्रस्ताव दिए गए हैं और हमारा जवाब हमेशा नकारात्मक रहा है।”