ईरान ने पाकिस्तान पर बुधवार को हुए आतंकी हमले का आरोप लगाया था, जिसमे 27 सैनिको की मृत्यु हुई थी और अफगानिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में इस्लामाबाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का स्थाई अभियान ने शिकायत की कि इस्लामाबाद तालिबान के साथ सौदेबाज़ी कर रहा है जो अफगानिस्तान की सम्प्रभुता का उल्लंघन है।
अफगान सरकार को किया दरकिनार
अफगान मिशन के प्रतिनिधि नाइजीफुल्लाह सलारजै यूएन सुरक्षा परिषद् के राष्ट्रपति को पत्र में लिखा कि इस्लामाबाद में तालिबान के साथ किये समझौते में काबुल को नज़रअंदाज़ किया है। उन्होंने कहा कि “अफगानिस्तान में शान्ति के नाम पर हुए इस समझौते में अफगान सरकार की राय या समन्वय को नज़रअंदाज़ किया गया है।”
अफगानिस्तान ने शिकायत की कि पाकिस्तान सरकार ने तालिबानी प्रतिनिधियों को उच्च स्तर की बैठक के लिए आमंत्रित किया, जिसमे प्रधानमंत्री इमरान खान भी शरीक होंगे। उन्होंने कहा कि “यह बेहद अफसोसजनक है कि वह एक हथियारबंद समूह को वैधता और पहचान देने की इच्छा रखते हैं जो अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।”
ईरानी सैनिकों पर हमला
शनिवार को ईरान ने पाकिस्तानी सुरक्षा बल पर ईरानी सेना हमले में समर्थन करने के आरोप लगाए हैं। बुधवार को सिस्तान-बलूचिस्तान प्रान्त में ईरानी सुरक्षा सैनिकों पर आत्मघाती हमला किया गया था, जिमसे 27 सैनिक शहीद हुए थे। फाॅर्स ने बुधवार को कहा कि “सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही बस पर सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन से टक्कर मार दी थी।”
सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल अद्ल (न्याय की सेना) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह ईरान में अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार और रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की मांग का दावा करता है। ईरान के वरिष्ठ नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने कहा कि “इस अपराध और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख़ुफ़िया व जासूसी विभागों के मध्य कोई ताल्लुक तो जरूर है।” उन्होंने इस आतंकी हमले के जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।