ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमेनेई ने इराक के प्रधानमंत्री से तेहरान में मुलाकात के दौरान जल्द से जल्द इराक को अमेरिकी सैनिकों को हटाने की मांग करने के लिए कहा है। सुप्रीम लीडर ने अपनी आधिकारिक साइट पर कहा कि “जल्द से जल्द अमेरिकी सैनिकों की इराक से वापसी के लिए अपनों सख्त कदम उठाने चाहिए क्योंकि उनकी स्थायी उपस्थिति के बाद उन्हें बाहर निकालना मुश्किल हो जायेगा।”
अमेरिकी सैनिकों को हटाए
अरब न्यूज़ के मुताबिक उन्होंने इराकी प्रधानमंत्री आदेल अब्देल मेहदी से कहा कि “इराक में मौजूदा सरकार, संसद और राजनीतिक आंकड़े अमेरिका में मंसूबो के अनुरूप नहीं है। इराक की राजनीतिक तस्वीर से अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए योजना बनानी चाहिए।”
अब्दुल मेहदी अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर ईरान आये थे। शनिवार को वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से भी मिले थे। जो बीते माह इराक की यात्रा पर गये थे।
अपने पड़ोसी मुल्क तेहरान के साथ संबंधों को सीमित करने के करने के लिए बगदाद पर वांशिगटन दबाव बना रहा है। जब से अमेरिका ने साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ा और ईरान पर प्रतिंबंध लगाए, तब से हालात बेहद नाजुक हो गए हैं। इराक के काफी करीबी लेकिन ईरान के साथ जटिल सम्बन्ध है क्योंकि शिया राजनीतिक समूहों के कारण वहां तेहरान का प्रभुत्व है।
इराक और ईरान के सम्बन्ध
ईरान और इराक ने साल 1980 से 1988 तक खूनी जंग लड़ी थी और बगदाद पर तेहरान का प्रभुत्व साल 2003 में बढ़ा जब अमेरिकी गठबंधन ने इराक पर आक्रमण कर सद्दाम हुसैन की सरकार गिरा दी थी। साल 2014 में इस्लामिक स्टेट ने जिहादियों ने मोसुल पर कब्ज़ा कर लिया था, इराक की गुहार पर सबसे पहली प्रतिक्रिया ईरान ने दी थी।
ईरान ने रातो रात सैन्य सलाहकारों और उपकरणों को आईएस के जिहादियों से पश्चिमी सीमा को बचाने के लिए कमांडर क़ासिम सोलिमनी को भेजा था।