मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम में अपने 13 साल पुराने शासन का अंत होने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने 15 सालों बाद पार्टी के हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफ़ा सौंपने के बाद राजभवन से निकलते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा “अब मैं आज़ाद हूँ” और उन्होंने राज्य के संभावित मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को बधाई दी।
पत्रकारों से बात करते हुए चौहान ने कहा “मैंने अपना इस्तीफ़ा राज्यपाल को सौंप दिया है। हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी है और सिर्फ मैं ही इसके लिए जिम्मेदार हूँ। मैंने कमलनाथ को बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।”
भोपाल में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “अब हम विपक्ष की भूमिका में हैं और चौकीदार की तरह प्रदेश पर निगरानी रखेंगे।”
हमारी अब विपक्ष की भूमिका है, जिसे हम सशक्त और रचनात्मक रूप से निभाएंगे और प्रदेश के चौकीदार की तरह निगरानी रखेंगे: श्री @ChouhanShivraj pic.twitter.com/EuBPuRTfUt
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 12, 2018
प्रेस कांफ्रेंस में शिवराज सिंह ने राज्य में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमा भारती और बाबू लाला गौड़ का भी ज़िक्र किया।
.@BJP4MP, प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता। https://t.co/Q0kYwBYXjx
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 12, 2018
गौरतलब है कि चुनाव परिणाम में भाजपा को विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 109 सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस 114 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनी। हालाँकि भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा वोट प्राप्त हुए। भाजपा ने 41 फीसदी वोट हासिल किये जबकि कांग्रेस को 40.9 फीसदी वोट मिले।
बहुमत के आंकड़े 116 से 2 सीट पीछे रह जाने पर बहुजन समाज पार्टी ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की। राज्य में बसपा ने 2 सीटें हासिल की है जबकि समाजवादी पार्टी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की।
दूसरी तरफ दोपहर को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। हालाँकि पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की तरफ से संभावित उम्मीदवार हैं।