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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

    पाकिस्तान और भारत के मध्य करतारपुर गलियारे के कारण सालों बाद किसी मसले पर सहमती बनी है, इस कारण दोनों राष्ट्रों के मध्य जमी विवादों की बर्फ भी गल रही है। भारत के राज्य विदेश सचिव वीके सिंह ने कहा कि क्रिकेट की 22 गज की पिच पर लम्बे समय तक बतौर बल्लेबाज़ टिके रहने पर इमरान खान की टीम भी उन पर भरोसा नहीं करती थी क्योंकि वह पिच पर ज्यादा देर टिकने पर असमर्थ थे।

    वीके सिंह ने कहा कि इमरान खान को साबित करने दो कि वह एक भरोसेमंद व्यक्ति है। वांशिगटन के दूतावास में पत्रकारों ने वीके सिंह से सवाल किया कि क्या भारत और पाकिस्तान के संबंधों के लिए इमरान खान भरोसेमंद साबित होंगे। उन्होंने कहा कि विकेट पर टिके रहने पर उनकी टीम उन पर भरोसा नहीं करती होगी।

    पाकिस्तान के इमरान खान ने क्रिकेट में बतौर तेज़ गेंदबाज़ अपने करियर की शुरुआत की थी और वह उस समय में दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ थे। टेस्ट क्रिकेट में इमरान खान ने 3800 से अधिक रन बनाये थे और 362 से अधिक विकेट लिए थ। साल 1992 में हुई विश्व कप प्रतिस्पर्धा में इमरान खान ने पाकिस्तान टीम का नेतृत्व किया था लेकिन इस मैच में हार के कारण उन्होंने कप्तानी से संन्यास ले लिया था।

    विश्व कप के दौरान पाकिस्तान की टीम के कई खिलाडियों ने आखिरी समय पर विद्रोह कर दिया था। टीम के कुछ खिलाड़ियों के मुताबिक वे इमरान खान के घमंडी व्यवहार से असंतुष्ट थे और फिटनेस कारणों के चलते इमरान खान ने पूरे टूर्नामेंट ने गेंदबाजी नहीं की थी।

    बीते अगस्त में पाकिस्तान की सत्ता संभालने के बाद इमरान खान ने भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने के बाबत कई बार कहा था। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक के इतर भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मुलाकात करने का भी प्रस्ताव दिया था।

    वीके सिंह ने कहा कि भारत की बेहद सामान्य शर्ते हैं और साल 2014 से ही हम पाकिस्तान के साथ बातचीत करे के इच्छुक हैं लेकिन किसी भी मसले पर बातचीत के लिए माहौल होना जरुरी होता है। उन्होंने कहा कि इमरान खान की सरकार को प्रयास करने दो, इससे उनकी सरकार के मंसूबों के बारे में भी मालूम हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अमेरीका अपनी नीतियाँ रिश्तों के मुताबिक बनता हैं और और भारत को यकीन हैं कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सकारात्मक होंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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