पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने नसीरुद्दीन शाह की अल्पसंख्यकों की भारत में चिंता वाले बयान पर कहा था कि हम मोदी सरकार को धार्मिक अल्पसंख्यकों की कद्र करना सिखायेंगे।
नसीरुद्दीन शाह का पाक पीएम को जवाब
पाकिस्तानी पीएम के इस बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को अपने मुल्क के बाबत बातचीत करनी चाहिए, न कि हमारे देश के अंतरिम मसलों पर बेजा टिप्पणी करनी चाहिए, जिससे उनका दूर तक कोई नाता नहीं है।”
नसीरुद्दी शाह ने कहा कि भारत में 70 सालों से लोकतंत्र का राज है, और हमें बखूबी अपने देश में अपनी देखभाल करना आता है। पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मसलों में टांग न अड़ाने की हिदायत भारत के विदेश मंत्रालय ने भी दी थी। पकिस्तानी पीएम ने इससे पूर्व कश्मीर मसले को भी उठाया था, जिस पर विदेश मंत्रालय ने उनको फटकार लगाई थी।
इमरान खान का बयान
इमरान खान ने कहा था कि उनकी सरकार पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को सामान दर्जा दिलवाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मोहम्मद अली जिन्ना का नजरिया था। इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार सुनिश्चित करेगी कि धार्मिक अल्पसंख्यक लोग पाकिस्तान में सुरक्षित और संरक्षित रहे और नए पाकिस्तान में सभी को बराबरी का दर्जा मिले।
नसीरुद्दीन शाह का बयान
गौरतलब हैं कि नसीरुद्दीन शाह ने भीड़ हिंसा के बाबत अपनी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि अगर मेरे बच्चों को भीड़ घेरती है और पूछती है कि वह हिन्दू है या मुस्लिम ? तक क्या होगा। उन्होंने कहा था कि समाज में आज जहर फ़ैल गया है और इसे समेटना मुश्किल है। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं उन्हें खुली आज़ादी दी रही है। उन्होंने कहा कि अब एक गाय की मौत एक पुलिस अफसर की मौत से ज्यादा अहम है।