पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 2 नवम्बर को चीन के दौरे पर जायेंगे। चीन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री के चीनी दौरे से दोनों राष्ट्रों के मजबूत संबंधों का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा। पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमन्त्री चीन का दौरा देश को आर्थिक विपदा से बाहर निकालने के लिए कर रहे हैं।
इमरान खान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बैलआउट पैकेज लेने की बजाय मित्र मुल्कों से आर्थिक मदद चाहते है। पीएम खान प्रधानमन्त्री की गद्दी पर बैठने के बाद चीन का पहला अधिकारिक दौरा करेंगे। इमरान खान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकिंग से भी मुलाकात करेंगे। साथ ही द्विपक्षीय परियोजना की समीक्षा भी करेंगे।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों राष्ट्रों के नेताओं के पास द्विपक्षीय रिश्ते के एक नए अध्याय प्रारंभ करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि सीपीईसी परियोजना का परिणाम बेहद सुखद होगा और दोनों राष्ट्र बेहद गहरे दोस्त बन जायेंगे।
हाल ही में पाकिस्तान ने चीनी रेलवे परियोजना के 8 बिलियन डॉलर में से 2 बिलियन डॉलर की कटौती की थी। पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था चरमरा रखी है। इस आर्थिक विपदा से बचने के लिए पाकिस्तान ने आईएमएफ़ से बैलआउट पैकेज का अनुरोध किया था। इमरान खान ने कहा था कि शायद उन्हें आइएमएफ के बैलआउट पैकेज की जरुरत न पड़े क्योंकि वह अपनी मित्र देशों से आर्थिक सहायता के लिए बातचीत कर रहे हैं।
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक उन्हें वित्त वर्ष 2018-19 में 11.2 बिलियन डॉलर की जरुरत है। आईएमएफ ने सीपीईसी परियोजना के कर्ज की जांच की बात कही थी। हाल में सऊदी अरब के दौरे पर गए इमरान खान को 3 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद मिली थी। साथ ही रियाद ने तेल सौदे के भुगतान में 3 बिलियन डॉलर की रियायत इमरान खान को दी थी।
आर्थिक मंदी का असर कम करने के लिए पाकिस्तान को चीन से अधिक आर्थिक सहायता चाहिए। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीद है कि इस दौरे से दोनों राष्ट्रों के रिश्ते मज़बूत होंगे। उन्होंने कहा कि इमरान खान चीन के अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो में 4 नवम्बर को जायेंगे। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के संबंध काफी पुराने हैं। साथ ही दोनों को एक दूसरे की राजनीतिक मज़बूती पर भरोसा है।