पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को एलओसी का दौरा किया रहा और उन्हें सीमा पर मौजूदा स्थिति से अवगत कराया गया है और क्षेत्र में तनाव के बाबत जानकारी दी थी। खान ने रक्षा दिवस के मौके पर एलओसी पर चर्चा की थी।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा, रक्षा मंत्री परवेज़ खट्टक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी और कश्मीर पर विशेष समिति के अध्यक्ष सईद फखर इमाम भी थे।
इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन ने बयान में कहा कि यात्रा के दौरान खान को एलओसी पर मौजूदा स्थिति के बारे में बताया था। प्रधानमंत्री ने भारत की तरफ से संघर्षविराम के उल्लंघन का तत्काल और प्रभावी जवाब देने पर जोर दिया था। भारत की आक्रमकता पर प्रतिक्रिया के लिए पाकिस्तान तैयार है।
यात्रा के दौरान खान ने मृत सैनिको के परिवारों और सैनिको से भी मुलाकात की थी। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने पर पाकिस्तान काफी बौखलाया हुआ है और युद्ध की धमकियां दी रहा है।
खान ने ऐलान किया कि पाकिस्तान हर शुक्रवार को कश्मीर सोलिडेरिटी ऑवर को मनाएगा। हालांकि विभागों की भरसक कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान में शोक का देखने को नही मिला था। इए अभियान की विफलता ने पाकिस्तान को शर्मसार कर दिया था।
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की धमकी देता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान ने खुद को अलग थलग महसूस किया था। सऊदी अरब और यूएई के विदेश मंत्रियो से इस्लामाबाद सीधा और स्पष्ट सन्देश चाहता है। पाकिस्तान ने सऊदी अरब और संयुक्त रब अमीरात के विदेश मंत्रियो के साथ कश्मीर मामले पर चर्चा की थी।
पाकिस्तानी सेना द्वारा नियंत्रण रेखा की तरफ भेजे गए सैनिक की संख्या करीब 2000 होने की उम्मीद है जो कि एक ब्रिगेड के बराबर हैं। पाकिस्तान ने इसके अलावा गुजरात से सटी सीमा सर क्रीक लाइन के पास भी अपने विशेष बलों को तैनात किया है और कश्मीर में हिंसा फैलाने के मकसद से आतंकियों की घुसपैठ कराने की भी कोशिश कर रहा है।