पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी दुनिया को मुस्लिम राष्ट्रों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और पैगम्बर की मखौल उड़ाकर पश्चिम हमें बेहद कष्ट देता है।”
हमारी भावनाओं को ठेस न पंहुचाये
इस्लामिक सहयोग संघठन के मंच पर भाषण देते हुए इमरान खान ने कहा कि “ओआईसी पर मुस्लिम दुनिया की जिम्मेदारी है। जब पश्चिमी दुनिया में कोई हमारे पैगम्बर की निंदा करता है तो यह ओआईसी की असफलता उजागर होती है कि हम पश्चिम को पाक पैगम्बर के प्रति अपने प्रेम और आकर्षण के बाबत समझा नहीं सके हैं। कैसे वह हमारे दिलो में रहते हैं। यह अब हम पर है कि जब पश्चिमी देशों में पैगम्बर मखौल उड़ाने पर अपने दर्द को उन्हें अब हमें समझाना है।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारतीय भावनाओं को भी आहत किया है। उन्होंने कहा कि “कश्मीर की आवाम आज़ादी के लिए राजनीतिक संघर्ष कर रही है लेकिन 9/11 के बाद उन्हें इस्लामिक उग्र आतंकवाद करार दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि ओआईसी को अपने कांधो पर पश्चिमी दुनिया को समझाने की जिम्मेदारी लेनी होगी कि हमारे लिए इसके क्या मायने है और पैगम्बर के प्रति हम कितना सम्मान और प्रेम दिखाते हैं।”
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इस्लाम और आतंकवाद का नाता नहीं
इमरान खान ने कहा की “हम अपने धर्म में जीते हैं। पश्चिमी देशों का धर्मो के प्रति एक बिलकुल अलग ही रवैया है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपी संघ जैसे मंचो पर हमें उन्हें समझाना चाहिए कि वह अभिव्यक्ति की आज़ादी के तहत 1.3 अरब जनता की भावनाओं को आहत सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि “यहूदी दुनिया को यह समझाने में सफल हुए है कि सर्वनाश की कोई भी गलत व्याख्या उन्हें कष्ट देती है। इस मंच का इस्तेमाल करते हुए पश्चिमी दुनिया को समझाना होगा कि हमारे लिए इसके क्या मायने है और पैगम्बर के प्रति हम कितना सम्मान और प्रेम दिखाते हैं।”
इमरान खान ने कहा कि “ओआईसी को इस्लाम के साथ आतंकवाद के नाते को तोड़ने के प्रति कार्य करना चाहिए।”