Wed. Dec 25th, 2024
    इंडोनेशिया में राष्ट्रपति चुनाव

    इंडोनेशिया में 10 दिन पूर्व विश्व के सबसे बड़े स्तर पर राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे और इसमें 270 से अधिक चुनावी कर्मचारी थकावट से सम्बंधित बीमारी के कारण जिंदगी खो चुके हैं। विभाग के मुताबिक, करोड़ो बैलट पेपर की हाथो से गिनती में घंटो बिन रुके कर्मचारियों ने काम किया था।

    17 अप्रैल को इंडोनेशिया ने पहली बार राष्ट्रपति के चुनावो के साथ ही राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संसदीय संयुक्त चुनाव का आयोजन किये थे। इसका मकसद चुनाव की लागत में कमी करना था।

    बीबीसी के मुताबिक 19.3 करोड़ मतदाताओं, करीब 80 प्रतिशत ने 80000 मतदान केन्द्रो में मत दिया था।

    23 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि “चुनाव आयोग के बीमार कर्मचारियों स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया की जाए। वित्त मंत्रालय ने सभी मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है।”

    जाकर्ता पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षीय दलों में आरोप लगाया कि राष्ट्रपति जोको विडोडो की सरकार संरचित, व्यवस्थित और भारी वोटो की धांधली में शामिल है। राजनैतिक, कानूनी और सुरक्षा मामलो के मंत्री विरंटो ने कहा कि “सरकार के खिलाफ आरोप, आम चुनाव आयोग से साथ साजिश है। इलेक्शन सुपरवाइजरी एजेंसी को चुनावो में एक राष्ट्रपति उम्मीदवार का समर्थन करना था जिसके लिए मतदान दिन के शुरू होने से पहले और बाद मे सोशल मीडिया पर स्थिति का जायजा लिया गया था।”

    उन्होंने कहा कि “हमारा आग्रह है कि नागरिकों को इस भटकाऊ सूचना पर यकीन नहीं करना चाहिए और ऐसे आयोजनों में शामिल होने से बचना चाहिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा और शान्ति को बाधित करे।”

    जनरल इलेक्शन कमीशन मत की गणना पूरी करेगा और 22 मई को राष्ट्रपति और संसदीय चुनावो के विजताओं के नाम का ऐलान करेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *