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    इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन

    इंडियन आॅयल ने रविवार को नागपुर में देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया। इंडियन आॅयल और ओला कैब एग्रीगेटर ने एक पार्टनरशिप के तहत आईओसी पेट्रोल पंप पर भारत के इस पहले इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की शुरूआत की।
    आईओसी ने कहा कि पूरे देश में नागपुर इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट मॉडल पेश करने वाला पहला शहर है। इसके साथ ही पहला इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के शुरू होते ही इस शहर के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गई है।

    आईओसी के कार्यकारी निदेशक मुरली ​श्रीनिवासन का कहना है कि हम ओला के उन प्रयासों की सराहना करते हैं, जिसके चलते नागपुर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इको सिस्टम स्थापित करने में सहायता मिली। उन्होंने कहा, हम ओला के साथ काम करके खुश हैं।

    साल 2016-17 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ही आईओसी ने कहा था कि कंपनी बैटरी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है और लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन और खुदरा बिक्री के क्षेत्र में भी अवसर तलाश रही है।

    साल 2013 में ही सरकार ने यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना के तहत 2020 तक भारत में करीब 6-7 मिलियन इलेक्ट्रिक तथा हाइब्रिड वाहनों की संख्या सुनिश्चित की जाएगी। जबकि अभी दो साल पहले सरकार ने स्पष्ट किया था कि साल 2030 तक भारत में ईवी की संख्या शत प्रतिशत होगी। अगले मार्च-अप्रैल के आसपास करीब 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की जाएगी।

    ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि कपंनी एसी (अल्टरनेट करंट) और डीसी (डायरेक्ट करंट) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जर्स के लिए एक निविदा जारी करेगी। आप को जानकारी के लिए बता दें कि डीसी चार्जर से एक इलेक्ट्रिक व्हीकल करीब 45 से 60 मिनट में पूरी तरह से चार्ज हो जाएगा जबकि एसी चार्जर से इसमें 6 से 7 घंटे का समय लगता है।

    भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का आगमन

    भारतीय सरकार ने पिछले एक साल में देश में बिजली से चलने वाले वाहनों को लाने पर काफी जोर दिया है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अमेरिका का दौरा कर वहां टेस्ला के मालिक एलोन मस्क से मुलाक़ात की थी। गडकरी की कोशिश थी कि किसी तरह भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण शुरू हो सके।

    भारतीय कंपनियों से भी नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक गाडी निर्माण करने को कहा था। एक भाषण में केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि यदि कंपनियां वही पुरानी तेल से चलने वाली गाड़ियां बनाती रही, तो उन्हें बहुत पछताना पड़ेगा।

    इसी की तर्ज पर हाल ही में टोयोटा और सुजुकी ने मिलकर इलेक्ट्रिक कार बनाने का फैसला किया है।