फ़िल्म ‘भोर’, इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया (गोवा) में प्रदर्शित की गई है। यह फ़िल्म इंडियन पैरानोमा श्रेणी में टॉप फाइव में रखी गई है। कामाख्या नारायण सिंह द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘भोर’ बिहार के मुसहर बस्ती की लड़की बुधनी की कहानी है।
बुधनी पढ़ाई करना चाहती है पर उसका परिवार उसकी शादी कराना चाहता है। बाद में वह सुगन नाम के आदमी से शादी के लिए इस शर्त पर तैयार हो जाती हैं कि वह उसे पढ़ाई ज़ारी रखने देगा। शादी के बाद भी बुधनी और सुगन को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यह फ़िल्म ज़िन्दगी के इसी ताने बाने, सामाजिक संघर्ष और सपनों की कहानी है। फ़िल्म के मुख्य कलाकार हैं सावेरी श्री गौर, देवेश रंजन और नलनीश नील।
सावेरी श्री दिल्ली के मशहूर थिएटर ग्रुप ‘अस्मिता’ के निर्देशक अरविन्द गौर की बेटी हैं। अस्मिता थिएटर ने बॉलीवुड को कंगना रानौत, दीपक डोबरियाल और पियूष मिश्रा जैसे बड़े कलाकार दिए हैं। अरविन्द गौर ने इस मौके पर ख़ुशी जताते हुए अपने एक इन्स्टाग्राम पोस्ट में लिखा है कि
बिहार के महादलित परिवार की बेटी बुद्धनी (Saveree Sri Gaur) के सपनो और संघर्षों को दर्शाती कामाख्या नारायण सिंह की फिल्म ‘भोर’ का इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया, गोवा मे 22 नवम्बर को प्रीमियर होगा। भोर फिल्म महिला संघर्ष और प्रेरणा की कहानी है। मूसहर समाज की लड़की बुधनी (सावेरी श्री गौड़) अपनी जिन्दगी को अपने शर्तो पर जीना चाहती है। वो अपने से ही लड़ती है, घर वालो से लड़ती है, समाज से लड़ती है,उसकी मांग है कि वो अपने ढंग से पढना चाहती है अपनी मर्जी से शादी करना चाहती है। बड़ी चतुराई से सामाजिक ताने बाने और सपनों की लड़ाई को फिल्म मे दिखाया गया है।एक मुसहर समाज की लड़की जिसके घर वालों को उसकी सही उम्र तक नहीं पता, सिर्फ अपने सपनों और इच्छा शक्ति के बूते पूरे देश में आंदोलन खड़ा कर देती है।
फ़िल्म के चयनित होने के बाद सभी कलाकारों और निर्देशक ने प्रसन्नता जाहिर की है। इंटरनेशनल गोवा फ़िल्म फेस्टिवल 20-28 नवम्बर तक चलेगा। जिसमें भारत और विदेशों की कई फ़िल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
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