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    प्रतीकात्मक चित्र

    एक बार फिर बॉर्डर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब दिया है। 23 दिसंबर का बदला लेते हुए सेना ने एलओसी पार जाकर पाकिस्तान के तीन जवानों को मार गिराया है। सेना के इस कदम के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की यादें ताजा हो गयी है।

    लोग इस कदम को भी छोटे सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में देख रहे है और अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है। भारतीय फौज का उत्साह बढ़ाते हुए रक्षा विशेषज्ञ आरएसएन सिंह ने इस कार्रवाई पर देश की आर्मी को बधाई दी है।

    अपने बयान में उन्होंने कहा है कि “पीओके भारत का ही अंग है इसलिए किसी गलत काम को रोकने के लिए हमारी आर्मी जब चाहें वहां जा सकती है।

    रक्षा विशेषज्ञ ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि “पडोसी देश जैसा करेगा उसे वैसा ही भरना पड़ेगा, एलओसी पर जेहादियों को बैठाने का परिणाम यही होगा और भारतीय फौज इसी अंदाज में जवाब देगी। हमारी कोशिश है कि प्रॉक्सी वॉर को अब पाकिस्तान की जमीन पर लाया जाए लेकिन यह तब ही संभव हो सकता है जब पाकिस्तान इसको ख़त्म करना चाहे, अकेले हमारे चाहने से कुछ नहीं होने वाला।”

    सेना के इस कदम पर राजनीती तेज हो गयी है। कांग्रेस ने एक बार फिर सेना पर सवाल खड़े करते हुए कई तरह के ट्वीट किए है। मनीष तिवारी ने कहा है कि “सेना से जुडी जिस तरह की खबर आ रही है अगर वो सच है जैसा कि उन्हें उम्मीद भी है तो बीजेपी इसको सर्जिकल स्ट्राइक कह सकती है। आर्मी इस तरह के कदम 1998 से ही उठती आयी है लेकिन बीजेपी सरकार 2016 से ऐसे मामलों का राजनीतिकरण करने लगी है।”

    पाकिस्तान ने कहा सर्जिकल स्ट्राइक भारत सरकार का ढोंग

    पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बार फिर सवाल खड़े किए है। पडोसी देश ने कहा है कि भारत सरकार देश के साथ सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर छलावा कर रही है जबकि असल में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था।

    भारतीय सैनिको द्वारा 3 पाकिस्तानी जवानों को ढेर कर दिए जाने की खबर पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, यह भारत का एक गलत कदम है हम एक तरफ भारतीय जासूस को उसके घरवालों से मिलवा रहे है जबकि भारत बॉर्डर पर गोलीबारी कर रहा है।