पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने आर्थिक तंगी से उभरने के लिए संयुक्त अरब अमीरात से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके लिए उन्होंने यूएई की यात्रा भी की थी। ख़बरों के मुताबिक यूएई ने पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में आगामी दिनों के अंदर 3 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
पाकिस्तान हालिया वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने लिए संघर्ष कर रहा है। इसने पकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बिखेर दिया है और वृद्धि डर में गिरावट की है। इस्लामाबाद बैलआउट पैकेज के लिए अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष के संपर्क में भी है, साथ ही अपने पारंपरिक मित्र चीन और सऊदी अरब से भी आर्थिक सहायता की मांग की थी।
यूएई की खबर के मुताबिक उनका आर्थिक मदद देने का मकसद पाकिस्तान की मौद्रिक नीति की सहायता करना है। यूएई के ऐलान के बाद ही पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि “उन्हें भी यूएई से तेल की कीमते स्थगित करने की उम्मीद थी।”
फवाद चौधरी ने तेल के कीमतों को स्थगित करने के बाबत अधिक सूचना नहीं दी, लेकिन कहा कि यह पाकिस्तान और यूएई के मध्य हुई चर्चा का एक भाग है। उन्होंने कहा कि यूएई ने पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक में 3 अरब डॉलर जमा करने का ऐलान किया था।
मंत्री ने कहा कि यूएई ने पाकिस्तानी में निवेश करने की भी योजना बनायीं है, साथ ही एक रिफाइनरी औए डीसालीनेशन प्लांट के निर्माण की योजना भी है। अक्टूबर में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया था, इसमें 3 अरब डॉलर तेल की कीमतों में रियायत बरतने को कहा था जबकि शेष राशि पकिस्तान के बैंक में जमा करने का ऐलान किया था।
पाकिस्तान का करीबी दोस्त और वित्तीय साझेदार चीन से भी पाकिस्तान ने आर्थिक मदद की मांग की थी। चीन ने भी मदद का ऐलान किया था अलबत्ता अभी तक वित्तीय मदद राशि का जानकारी की घोषणा नहीं की है।