संघ द्वारा दिल्ली में आयोजित तीनदिवसीय चर्चासत्र में मोहन भागवत ने सोमवार 17 सितम्बर को कहा कि भारतीय समाज विविधताओं तथा परेशानियों से भरा हुआ है, इसलिए किसी भी बात पर एक जैसा मत नहीं होता। उन्होंने इसके साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस की भागीदारी की तारीफ की।
मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता के लिए देश में कांग्रेस के रूप में एक आंदोलन खड़ा हुआ था, जिनमे अनेक स्वर्गीय महापुरुषो की प्रेरणा आज भी लोगो के जीवन को प्रेरित करती है।
कांग्रेस के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एक धारा यह भी मानी जाती है की अपने देश में लोगो में राजनीती की जानकारी कम है, इसलिए लोगो को राजनीती के बारे में जाग्रत करना चाहिए।
उन्होंने चर्चासत्र में यह भी कहा कि कोई इसे 2019 में होने वाले चुनावो से न जोड़े, लोग ऐसा अनुमान लगा रहे होंगे की यह 2019 में होने वाले चुनावो के लिए किया जा रहा होगा। संघ ने अपने इस कार्यक्रम में उद्योगपतियों, खिलाड़िओ, राजनीती के लोगो को तथा बॉलीवुड जगत के लोगो को भी बुलाया था।
भागवत ने डॉक्टर हेडगेवार के बारे में बात करते हुए कहा की वो पूछते थे कि देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है और उनका जवाब रहता था की जब हमने अपने मूल्यों को छोड़ कर आचरण अपनाया था तब हमारा पतन हुआ था। मोहन भागवत ने संघ की शुरुआत को बताते हुआ भी कहा कि “डॉक्टर हेडगेवार कहते थे की हमारे हिन्दू समाज को एकजुट होना पड़ेगा और यही एक काम है जो करना है उसके बाद बदलाव अपने आप हो जायेगा।
संघ का मानना यह है कि देश के हर गांव हर शहर में ऐसे स्वयंसेवक तथा समाजसेवक खड़े किये जाये जो लोगो में भेदभाव ना करे, सभी लोगो को एक ही नजर से देखो। 1925 में इसी धरना के चलते संघ का गठन किया गया था।
संघ के बारे में लोग जब बात करते हैं तो यह कहते हैं कि संघ में केवल एक ही इंसान की चलती है लेकिन वो लोग अगर ये जानना चाहते है तो संघ के अंदर आकर देखते कि संघ में हर एक व्यक्ति की बात को सुना जाता है तथा उस पर अमल भी किया जाता है।