भारत के बिजनेस ग्रुप ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने की इच्छा जताई है। इंडस्ट्री लॉबी ने बुधवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली से कहा कि, मौजूदा कॉर्पोरेट टैक्स 30 फीसदी को कम कर 18-25 फीसदी किया जाए। इससे भारत जैसे उभरते बाजार में विदेशी निवेशक निवेश करने को मजबूर हो जाएंगे।
फिक्की प्रेसिडेंट पंकज पटेल का दृष्टिकोण
पूर्व बजट परामर्श के दौरान फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के प्रेसिडेंट पंकज पटेल ने कहा कि सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स कम करने के लिए अमेरिकी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यूएस कर सुधार के तहत अमेरिका की सहायक विदेशी कंपनियों को उनके लाभांश में पूरी तहर से छूट दी जाती है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती करने से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा कुल राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
2015-16 के बजट में जेटली का बयान
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने साल 2015-16 के बजट में कहा था कि सरकार धीरे-धीरे कॉर्पोरेट टैक्स में छूट के इरादे से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा था कि अगले चार सालों में मौजूदा कार्पोरेट टैक्स को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया जाएगा। हांलाकि 2016-17 के बजट में जेटली ने 5 करोड़ या उससे कम करोबार वाली कंपनियों के कार्पोरेट टैक्स रेट घटाकर 29 फीसदी करने की घोषणा की जिसमें सरचार्ज और सेस शामिल है।
वित्त मंत्रालय द्वारा टास्क फोर्स का गठन
22 नंवबर को वित्त मंत्रालय ने देश की समकालीन आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, आठ साल बाद अरबिंद मोदी की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय कमेटी जल्द ही नए प्रत्यक्ष कर प्रारूप की रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। प्रेस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार सीबीडीटी के सदस्य अरबिंद मोदी के इस पैनल में 7 सदस्य होंगे, जिसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन को पैनल का स्थायी सदस्य नियुक्त किया गया है।
सीआईआई अध्यक्ष शोबना कंमिननी का कहना
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष शोबना कंमिननी ने कहा कि सरचार्ज और सेस हटाने के साथ कार्पोरेट टेक्स में कटौती कर 18 फीसदी कर दिया जाए। अमेरिकी जैसों की तुलना में भारत का कार्पोरेट टैक्स काफी अधिक है।
एसोचैम प्रेसिडेंट संदीप जाजोदिया का वक्तव्य
एसोचैम के प्रेसिडेंट संदीप जाजोदिया ने कहा कि विकसित देशों की तरह कॉर्पोरेट टैक्स का कम कर 25 फीसदी कर दिया जाए। इससे निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होेंने कहा कि अमेरिकी सरकार अपने देश में टैक्स में एक बड़ी कटौती करने की प्रक्रिया में है, जबकि सिंगापुर और मध्य पूर्वी देश पहले से ही अपनी टैक्स दरें कम कर चुके हैं।
सुनील डी शाह, डेलोइट इंडिया
सुनील डी शाह, डेलोइट इंडिया के अनुसार सरकार को चरणबद्ध तरीके से कॉर्पोरेट टैक्स की दर में कमी करनी चाहिए। कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से अन्य देशों से हम प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे, यही नहीं इससे भारत में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा विनिर्माण और निर्यात प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार एक फरवरी को अपना आम बजट पेश कर सकती है। जुलाई में जीएसटी लागू किए जाने के बाद से वित्तीय वर्ष का यह पहला बजट होगा। चूंकि 2019 में लोक सभा चुनाव होने हैं, इस प्रकार मोदी सरकार का यह अंतिम बजट भी हो सकता है।