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    आंध्र प्रदेश सांसद

    केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आम बजट में आंध्र प्रदेश राज्य को अपेक्षित योजनाएं व निवेश न देने के विरोध में आज राज्य की विपक्षी पार्टियों सडको पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। बजट से नाराज आंध्र प्रदेश के विभिन्न पार्टियों ने राज्य बंद का आह्वान किया है। राज्य में बंद को देखते हुए हजारों की संख्या में लोग विरोध करते हुए सडकों पर जमा हुए है।

    एनडीए के साथ गठबंधन कर सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी केन्द्र सरकार पर बजट में आंध्र प्रदेश राज्य की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। नायडू ने तो बीजेपी के साथ गठबंधन तोडने तक की धमकी दे चुके है।

    वहीं विपक्षी पार्टियों को राजनीतिक रूप से अच्छा मौका मिल चुका है। इसलिए वो राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। सीपीआई, सीपीएम और दूसरे दलों की तरफ से बुलाए गए इस बंद को वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है।

    आंध्र प्रदेश में सरकारी बसों का संचालन बंद कर दिया है और शैक्षिक संस्थान बंद है। व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार की विफलता के विरोध में विपक्षी दलों ने राज्य बंद बुलाया है।

    वहीं राज्य मे सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी भी राज्य की अनदेखी किए जाने का आरोप केन्द्र पर लगा चुके है। वर्तमान में बीजेपी व टीडीपी के गठबंधन की राज्य मे सरकार है। राज्य के अधिकारों के लिए संसद में सांसदों द्वारा एकजुट होकर लडा जा रहा है।

    वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बंद के दौरान अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और बंद शांतिपूर्वक जारी रहा है। वाम दलों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। विभिन्न शहरों में वाम दलों के द्वारा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।

    जब से केन्द्र ने तेलंगाना को अलग राज्य घोषित किया है तब से ही आंध्र प्रदेश व तेलंगाना राज्य में विभिन्न मुद्दों को लेकर मतभेद बना हुआ है।