दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 6 से 20 नवंबर के बीच में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर 2000 चालान काटे हैं जबकि ‘आप‘ ने कहा था कि इस “सिग्नेचर ब्रिज” पे अभी तक किसी भी पुलिसकर्मी की नियुक्ति नहीं हुई है।
पुलिस ने अपने पक्ष में कहा कि सुबह के 8 बजे से रात के 8 बजे तक, 12 पुलिसकर्मी “सिग्नेचर ब्रिज” पे तैनात रहते हैं।
दिन की शुरुआत में, ‘आप’ के लवमाकर सौरभ भरद्वाज ने ट्वीट किया था कि “क्या लेफ्टिनेंट गवर्नर ने डीजीपी ट्रैफिक को ‘सिग्नेचर ब्रिज’ पे नियुक्ति न करने की वजह से ससपेंड कर दिया है। दो जवान लड़को की मौत( बिना हेलमेट बाइक तेज़ चलाने की वजह से) के बाद, पुलिस ने अपनी तरफ से क्या किया, कुछ भी नहीं।”
उन्होंने ये भी लिखा-“क्या ‘सिग्नेचर ब्रिज’ दिल्ली का पार्ट नहीं है? क्या पाकिस्तान या बर्मा की सरकार ने उसे बनाया है? डदिल्ली पुलिस का कांस्टेबल कहा था? दो लड़को की मौत के बाद, दिल्ली पुलिस सो रही है। दिल्ली पुलिस युवाओ को मरते हुए देख रही है। कभी कभी किन्नरों का खतरा होता है तो कभी कभी ट्रैफिक रूल्स तोड़े जाते हैं।
4 नवंबर को 3 आदमी “सिग्नेचर ब्रिज” पे दो अलग अलग सड़क दुर्घटना में मर गए थे।पुलिस ने कहा कि उन्होंने ‘दिल्ली टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन’ से कहा है कि स्पीड को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ रूल्स बनाये जाये।
पुलिस के हिसाब से, 6 से 20 नवंबर के बीच, 42 चालान खतरनाक तरीके से ड्राइव करने के लिए काटे गए हैं, 85 ट्रिपल राइडिंग के लिए, 453 बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने के लिए और 263 ट्रैफिक फ्लो के खिलाफ गाड़ी चलाने के लिए काटे गए हैं।
उसी वक़्त 359 चालान गलत जगह पार्किंग करने के लिए, 4 नो एंट्री जोन में घुसने के लिए और 48 ओवर स्पीडिंग के वजह से काटे गए हैं।