2019 का लोक सभा चुनाव कई मायने में काफी महत्वपूर्ण चुनाव होने वाला हैं। कई पार्टियों के लिए ये चुनाव अस्तित्व की लड़ाई हैं तो कई के लिए साख की। साल 2014 में हुए लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने इतिहास का सबसे अच्छा प्रदर्शन कर सबको चौंकाते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई।
साल 2014 कई पहलू में ख़ास रहा। जैसे देश कि सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस, वह भी अपने इतिहास का सबसे ख़राब प्रदर्शन करने में सफल रही। एक लम्बे अंतराल के बाद देश में राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का उदय हुआ। इसके पीछे काफी हद तक हाथ नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं का रहा जिन्होंने जी तोड़ मेहनत कर भाजपा की झोली में एक ऐतिहासिक जीत दाल दी।
2014 कि बात करे तो भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख वोट बैंक रहा युवा वर्ग। जिसने भाजपा को अपना पूर्ण समर्थन दिया। इसी समर्थन के सहारे भाजपा चुनाव जीतने में सफल रही। एक समय में यह वर्ग कांग्रेस के साथ था परन्तु कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालो के चलते यह भाजपा कि और आकर्षित हो गया।
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को लेकर कई वायदे किये जैसे रोज़गार एवं अच्छी शिक्षा। इसी के चलते युवा पीढ़ी का झुकाव भाजपा कि और बड़ा। परन्तु अब अगर आंकड़ों पर ग़ौर करे तो एक समय में जो वर्ग भाजपा कि ताकत था वो अब उसकी कमज़ोरी भी साबित हो सकता है।
2011 जनगणना के मुताबिक 40 प्रतिशत वोटर ऐसे थे जिनकी उम्र 35 या उससे कम थी। और इसी चीज़ का भाजपा को फायदा मिला परन्तु अगले चुनाव तक मध्य आयु 37.2 से बढ़कर सीधा 38 जा पहुंचेगी। यह भाजपा के लिए एक परेशानी बन सकता हैं। क्योंकि जिस युवा पीढ़ी को मुद्दा बनाकर उसने चुनाव जीता था अब वह युवा पीढ़ी वृद्ध हो रही हैं। देखना अब यह होगा कि भाजपा कि रणनीति आने वाले चुनावों में क्या रहती हैं।