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    एयरटेल को आधार इस्तेमाल की समि​त अ​वधि

    भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने यूजर्स की सहमति के बिना ही एयरटेल पेमेंट्स बैंक में 31 लाख खाते खोले थे। आप को बता दें कि एयरटेल ने बिना सूचना दिए ही 50 लाख उपभोक्ताओं की करीब 190 करोड़ की एलपीजी सब्सिडी पेमेंट्स बैंक में हस्तांरित कर ली थी।

    इसके घटना के बाद यूआईडीएआई ने एयरटेल के खिलाफ आधार का इस्तेमाल करने प्रतिबंध लगा दिया, किसी भी दूर संचार कंपनी के खिलाफ अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। यहीं नहीं यूआईडीएआई ने एयरटेल पर 2.5 करोड़ रुपए का अंतरिम जुर्माना भी लगाया है, जो कि प्रति यूजर्स के हिसाब से केवल 8.5 रुपए है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इस जुर्माने से किसको लाभ हुआ ऐयरटेल को या फिर उपभोक्ताओं को?

    यूआईडीएआई ने एयरटेल को दी ‘आधार’ के सीमित उपयोग की अनुमति

    यूआईडीएआई की ओर से एयरटेल के खिलाफ आधार के इस्तेेमाल पर प्रतिबंध बरकरार है, लेकिन कुछ नियमों और शर्तों के साथ यूआईडीएआई ने मात्र 10 जनवरी तक आधार इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।

    भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण आधार मामले को लेकर केंद्रीय प्राधिकरण, आरबीआई तथा दूर संचार मंत्रालय से परामर्श करेगा कि भविष्य में एयरटेल को आधार के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए अथवा नहीं।

    इसके लिए यूआईडीएआई ने रिजर्व बैंक त​था दूरसंचार विभाग से एयरटेल के प्रक्रियाओं, एप्लीकेशंस और दस्तावेजों का आॅडिट करने को कहा है, ताकि यह सुनिश्चत किया जा सके कि यह टेलिकॉम कंपनी अपने लाइंसेस शर्तों का ठीक ढंग से अनुपालन करती है या नहीं।

    एयरटेल नए सिम कार्ड जारी करने तथा सत्यापित करने के लिए मात्र 10 जनवरी तक आधार का इस्तेमाल कर सकती है। जबकि पेमेंट बैंक, वॉलेट, डीटीएच या किसी अन्य उद्देश्य के लिए आधार का उपयोग अभी भी निलंबित हैं।

    एयरटेल पर 2.5 करोड़ जुर्माना

    एयरटेल ने करीब 55 लाख उपभोक्ताओं के 190 करोड़ रुपए की एलपीजी सब्सिडी बिना किसी सूचना के अपने पेमेंट्स बैंक में अपने हस्तांतरित कर दिया था, इसके बाद यूआईडीएआई ने 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। एयरटेल को 24 घंटे के भीतर सभी एलपीजी सब्सिडी वाले को एसएमएस के द्वारा यह सूचित करना है कि एलपीजी सब्सिडी को उनके मूल बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया है।