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    राहुल गाँधी का बस्तर दौरा

    कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी 28 जुलाई को विशेष विमान से बस्तर पहुँच रहे हैं। उनका यह संछिप्त दौरा एक दिन का होगा। इस दौरे को उनके बस्तर में आदिवासी वोटरों को लुभाने वाले कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बस्तर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सबसे ऊपर रहा है और हालिया कुछ वर्षों में वहाँ नक्सल हमलों में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। सीआरपीएफ कैम्पों और जवानों पर हुए इन हमलों के लिए क्षेत्रीय नक्सलवाद को जिम्मेदार माना जाता है।

    इस क्षेत्र में व्याप्त नक्सलवाद में आदिवासियों की बड़ी संलिप्तता है। छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब हैं। ऐसे में राहुल का यह दौरा महत्वपूर्ण होगा। राहुल अपने दौरे के दौरान स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात करेंगे और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों से भी मिलेंगे। कांग्रेस में राहुल गाँधी को इस तरह की राजनीति करने का अच्छा अनुभव है। 2009 के लोकसभा चुनावों के वक़्त उनकी ‘दलित के घर रोटी’ की राजनीति ने काफी सुर्खियां बटोरी थी और कांग्रेस की सत्ता-वापसी में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा था। हालाँकि उत्तर प्रदेश के हालिया संपन्न चुनावों में उनकी ‘खाट-बैठक’ कुछ खास असरकारी नहीं रही थी।

    विकास कार्यों का जायजा लेंगे राहुल

    अपने दौरे के दौरान राहुल बस्तर में हुए विकास कार्यों का जायजा लेंगे। उनके पुलिस और प्रशासन द्वारा प्रताड़ित लोगों से भी मिलने की सम्भावना है। बस्तर के नगरनार में राहुल आदिवासियों की एक सभा को भी सम्बोधित करेंगे। राहुल के इस दौरे को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बताया कि इससे भाजपा के विकास कार्यों के दावे की असली हकीकत सामने आएगी। भाजपा जमीनी हकीकत से परे आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों का प्रचार करती है जबकि सच यह है कि उसने इस क्षेत्र के साथ दोहरा रवैया अपनाया है। भाजपा दबे-कुचले वर्ग के उत्थान के लिए कार्य नहीं करती है पर इसके खोखले दावे जरूर करती है। आने वाले चुनावों में प्रदेश की जनता वोटों के माध्यम से भाजपा को हकीकत का आईना दिखाएगी।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।