Sun. Nov 17th, 2024
    आदेल अल जुबेर और सुषमा स्वराज

    भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “आतंकी ढांचों को ध्वस्त करने के लिए तत्काल, अपरिवर्तनीय और निरीक्षित कार्रवाई होनी चाहिए।” भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदेल अल जुबेर के मध्य शुक्रवार को मुलाकात हुई थी। सऊदी अरब के विदेश मंत्री इस्लामाबाद की यात्रा के बाद साढ़े चार घंटे के लिए भारत की यात्रा पर आये थे।

    सऊदी अरब के मंत्री की विदेश यात्रा

    सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है। आदेल अल जुबेर और सुषमा स्वराज की मुलाकात आतंक के खिलाफ जंग में मज़बूत सहयोग पर केंद्रित थी। जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले और भारत की जवाबी प्रतिक्रिया में एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों मध्य हालात तनावग्रस्त हो गए हैं।

    अधिकारीयों के मुताबिक आदेल अल जुबेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी मुलाकात की थी और द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा भी की थी। विदेश मंत्रालय के अनुसार “प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के नेतृत्व का किया कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।”

    निवेश और व्यापार में वृद्धि

    सऊदी के विदेश मंत्री ने मोहम्मद बिन सलमान की हालिया यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया था। दोनों देशों ने निवेश और व्यापार को बढ़ाने के लिए सार्थक कदम उठाने का वादा किया था। भारत में सऊदी अरब 100 अरब डॉलर का निवेश करना चाहता है। दोनों देशों ने कृषि, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, ऊर्जा और खनन में निवेश पर रज़ामंदी जाहिर की है। सऊदी की अरामको कंपनी ने कहा कि वह भारत की रिलायंस इंडस्ट्री व अन्य समूहों से अधिक परियोजनाओं के बाबत बातचीत कर रहे हैं।

    सऊदी अरब ने भारत के हज कोटा में दो लाख की व्रुद्धि भी की थी और 850 भारतीय कैदियों को रिहा करने का ऐलान किया था। जिसके भारत ने काफी सराहना की थी।

    भारत की स्थिति स्पष्ट

    शनिवार को भारत ने कहा था कि “सऊदी अरब सहित किसी देश ने भी तक मध्यस्थता के लिए आधिकारिक प्रस्ताव नहीं दिया है।” रवीश कुमार ने कहा कि “मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ की किसी देश ने अभीतक तक मध्यस्थता के लिए कोई ऑफर नहीं दिया है। मरे ख्याल से हमारी स्थिति एक दम स्पष्ट है।”

    पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ऐलान किया था कि सऊदी अरब के विदेश म्नत्री इस्लामाबाद आएंगे। साथ ही वह मोहम्मद बिन सलमान का एक महत्वपूर्ण सन्देश लाएंगे।”

    भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव को कम करने के लिए अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश अपनी भूमिका निभा रहे हैं। अलबत्ता एक अन्य सूत्र के मुताबिक ये देश खुद को मध्यस्थ की भूमिका में दिखाने का प्रयास कर रहे है।

    चीनी विदेश मंत्री ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए भी अहम भूमिका निभाने का ऐलान किया था। बावजूद इस सब के भारत ने मध्यस्थता के लिए साफ़ इंकार कर दिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *