पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राजनीतिक कार्यकर्ता ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का विस्तार करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद सिर्फ धर्म का इस्तेमाल कर रहा है जिससे कश्मीरियों के हितो और मंसूबो को नुकसान पंहुच रहा है।
यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स नेशनल पार्टी के प्रवक्ता और पीओके के कार्यकर्ता नासिर अज़ीज़ खान ने कहा कि “जब साल 1990 में चरमपंथ ने कश्मीर में अपने पैर रखे थे हमारी पार्टी ने अपील की थी और सभी को सूचना दी कि पाकिस्तानियों के दिमाग में कभी कश्मीरियों का भला नहीं था और वह भारत के खिलाफ छंद युद्ध मे कश्मीरियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “लेकिन जिन लोगो ने धारणा बना ली थी और आज भी वह वही कर रहे हैं। कश्मीर बहुसंस्कृति और बहुधार्मिक राज्य है और एक धर्म को समर्थन मुहैया करता है और यह सिर्फ विचारधारा को तब्दील करने और छोटी साम्प्रदायिक घटनाओं को हवा देना है। इससे स्पष्ट है कि आपके मन में कश्मीर के लिए जरा भी सद्ध्भावना नहीं है और आप उन्हें एकजुट नहीं देख सकते हैं।
कई आतंकी संगठन जैसे लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन ने कश्मीरी कल्याण के नाम पर 80 में दशक में आतंकवाद फैलाया था। लेकिन उनके मकसद का पर्दाफाश हो गया।
जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेता सरदार सागिर खान ने कहा कि “हम सालो से कह रहे हैं कि पाकिस्तान का ख़ुफ़िया विभाग हमारी सरजमी पर अराजक तत्वों को भेजकर हमारे आन्दोलन को कुचल रहा है। साल 9/11 के हमले के बाद हमारा आन्दोलन पीछे छूट गया था। हमारी कुर्बानियां बर्बाद हो रही है। हम तब भी प्रदर्शन कर रहे थे और अब भी कर रहे थे।
पाकिस्तान का अब भी कश्मीर के कुछ हिस्से में कब्ज़ा है और वह यहाँ रहने वाले लोगो के साथ बदसुलूकी करते हैं। उनकी तरफ से संसद में प्रतिनिधित्व नहीं है और उनकी मांगो पर ध्यान नहीं दिया जाता है।