पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के समर्थन से फल फूल रहे आतंकी समूहों पर बांग्लादेश की शेख हसीना हसीना सरकार ने हमला करना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में सतर्क आतंकी समूहों को कथित रूप से पाकिस्तान आर्थिक मदद मुहैया करता है। बांग्लादेश के एक स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बावजूद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी वहां ताक झांक में लगी रहती है।
बांग्लादेश में 23 दिसंबर को आम चुनाव होने वाले हैं। बांग्लादेश के आतंकियों के खिलाफ एक्शन से भारत को भी राहत मिलेगी। पुलिस ने आतंकी समूहों से जुड़े कई गैर सरकारी संगठनों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही आतंकी समर्थकों को धन मुहैया करने वाली बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी ने आतंकियों के कई ठिकानों को खोज निकाला है और धर्मनिरपेक्ष लेखकों को निशाना बनाने वाले एक सैन्य अधिकारी पर भी कार्रवाई शुरू की गई है। खबरों के मुताबिक साल 2016 में हुए कैफ़े हमले के बाद हसीना सरकार ने आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। आतंकियों के खिकफ इस अभियान में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया और 1500 से अधिक गुनहगारों को गिरफ्तार किया गया था।
बांग्लादेश के गैर सरकारी संगठन स्माइल काइंडनेस के आठ कर्मचारियों को आतंकवादियों को आर्थिक मदद देने के जुर्म ने पकड़ा गया है। अधिकारियों के मुताबिक बांग्लादेश की सेना का एक अधिकारी इस प्रतिबंधित आतंकी संगठन का सरंगना बन गया था। अधिकारी ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व प्रकाशक फैसल दीपान की हत्या का रणनीतिकार सेना से बर्खास्त और भगोड़ा अधिकारी सैयद जियाउलहक था।
शेख हसीना ने हाल ही में साफ किया है कि बांग्लादेश अपनी सरजमीं पर किसी आतंकी मंसूबे को पलने नही देगा और भारत सहित अपने अन्य सहयोगियों के खिलाफ आतंकी गतिविधि के लिए अपनी पाक भूमि के इस्तेमाल की अनुमति नही देगा।
बंगलादेश ने हाल ही में पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसको खुफिया एजेंसी आईएसआई बंगलादेश में सरकार विरोधी अभियान चला रही है और आतंकियों को अनुदान दे रही है। साथ ही ईरान ने भी पाकिस्तान पर आतंकियों का पनाहगार होने का आरोप लगाया था।