आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने कहा कि देश का अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बैलआउट पैकेज की यह मांग आखिरी बार होगी। कराची में भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि आइएमएफ का यह 13वां और आखिरी कार्यक्रम होगा।
हाल ही में पाकिस्तान के केन्द्रीय बैंक ने चेतावनी दी थी कि आगामी दिनों में महंगाई का स्तर दोगुना होकर लगभग 7.5 फीसदी हो जायेगा। जबकि 6.2 वृद्धि दर के तय मानक से पाकिस्तान चूक रहा है।
पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि आर्थिक विपदा से निपटने के लिए पाकिस्तान बैलआउट पैकेज के लिए आइएमएफ की शरण में जायेगा। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि आइएमएफ के दिए फंड से इस्लामाबाद का गुज़ारा नहीं हो पायेगा और उसे साथी देशों से सहायता लेनी पड़ेगी।
पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन के मुताबिक वित्त मंत्री उम्र असद ने कहा कि सरकार बैंक घोटालों का खुलासा करेगी। सरकार को 210 मिलियन पाकिस्तानी नागरिकों की रक्षा करनी है।
आइएमएफ का प्रतिनिधित्व समूह बैलआउट पैकेज की बातचीत के लिए नवम्बर को इस्लामाबाद आएगा। साल 2013 में पाकिस्तान पर आये आर्थिक संकट के निपटान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने भी आइएमएफ का दरवाजा खटखटाया था। उस समय आइएमएफ ने पाकिस्तान को 6.6 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था। तत्कालीन विपक्षी नेता इमरान खान ने इसका विरोध किया था।
अगस्त में पाकिस्तान की सत्ता की कमान सँभालने के बाद उन्होंने आर्थिक आपदा से उभरने के लिए बैलआउट पैकेज की मांग की साथ ही मित्र देशों सऊदी अरब और चीन से भी आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
इमरान खान की सरकार नें हाल ही में सऊदी अरब में आयोजित निवेश सम्मलेन में शरीक होने का ऐलान किया था। सऊदी दूतावास में पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या होने के बाद अमेरिका सहित कई दिग्गज निवेशक कंपनियों ने इस आयोजन का बहिष्कार किया है।